देश में मौजूदा खरीफ सत्र के दौरान तिलहन उत्पादन करीब 9 फीसदी घटकर 136.50 लाख टन रहने की आशंका है। पिछले साल इस मौसम में 150.30 लाख टन तिलहन उत्पादन का अनुमान लगाया गया था। तेल तिलहन पर सेंट्रल आर्गेनाइजेशन आफ ऑयल इंडस्ट्री ऐंड ट्रेड (कोएट) के यहां हालिया राष्ट्रीय सम्मेलन में उद्योग विशेषज्ञों की एक समिति ने यह अनुमान जाहिर किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक देश में मौजूदा खरीफ सत्र में...
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भुखमरी और कुपोषण के हालात बयान करते दो और रिपोर्ट
दो जून भर पेट भोजन ना जुटा पाने वालों की तादाद दुनिया में इस साल एक अरब २० लाख तक पहुंच गई है और ऐसा हुआ है विश्वव्यापी आर्थिक मंदी और वित्तीय संकट(२००७-०८) के साथ-साथ साल २००७-०८ में व्यापे आहार और ईंधन के विश्वव्यापी संकट के मिले जुले प्रभावों के कारण। यह खुलासा किया है संयुक्त राष्ट्र संघ की इकाई फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन की हालिया रिपोर्ट ने । द...
More »दिल्ली में कैश फॉर फूड योजना का विरोध
दिल्ली सरकार ने बीपीएल परिवारों के कैश फॉर फूड योजना का प्रस्ताव किया है। इसके विरोध में देश के कई नागरिक और मजदूर संगठन अगले सप्ताह देश की राजधानी में एकत्र हो रहे हैं।इन संगठनों एकजुट होकर गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की पहचान के लिए ज्यादा बेहतर मानक तैयार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाएंगे। देश की राजधानी में अगले सप्ताह एकत्र हो रहे संगठनों को...
More »अभी और बढ़ेगी महंगाई
साल २००५ से २००७ के बीच दुनिया में गेंहूं, चावल और तेलहन के दामों में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है और इन चीजों के दामों में साल २००८ की पहली छमाही में भी बढ़ोतरी जारी रही।ओईसीडी(आर्गनाइजेशन फॉर इकॉनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अगामी दस सालों में चावल-गेहूं सहित बाकी अनाज और तेलहन में पिछले दशक के मुकाबले १० से ३५ फीसदी की बढ़ोतरी होगी।...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
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