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गवई बंधुओं की आंखें फोड़ने की अमानुषिक घटना और दलित पैंथर का संघर्ष

- द कारवां, आंबेडकर के परिनिर्वाण के बाद दलित आंदोलन खत्म तो नहीं हुए, लेकिन उसकी गति धीमी और राजनीतिक मोर्चे पर दिशाहीन भी हो गई थी. वह 1970 का दशक था जब दलितों के खिलाफ उत्पीड़न की घटनाएं पूरे देश में हो रही थीं. चूंकि राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर मुखालिफत नहीं हो रहा था, इसलिए दिन पर दिन उत्पीड़कों-शोषकों का हौसला बढ़ता जा रहा था. ऐसे समय में दलित...

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देश की आठ हजार दाल मिले बंद है, जानिए दलहन किसान और मजदूर का हाल

-डाउन टू अर्थ, इस बार करीब 2.5 एकड़ खेत में चना दाल लगाया था। ओले और ठंड के कारण सारी फसल बर्बाद हो गई। हमें 15 क्विटल चना दाल मिलने की उम्मीद थी हालांकि महज कुल 1.5 क्विंटल चना दाल ही हमें मिल पाई है। यह सिर्फ अगली बार के लिए बीज के इस्तेमाल में  लगाया जाएगा। 25 मार्च, 2020 से देशव्यापी लॉकडाउन के कारण आधा गेहूं भी घर पर ही...

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लॉकडाउन का असर: न महुआ और न बांस की टोकरी बेच पा रहे हैं कमार जनजाति के लोग

-डाउन टू अर्थ, देशभर में लॉकडाउन का असर सभी लोगों पर तो हुआ ही है लेकिन हमारे समाज का एक ऐसा वर्ग है जो पहले से हाशिये पर है उनके आजीविका पर इसका असर दिखाई देने लगा है। “तीन हफ्ते पहले हमारे यहाँ कोचिया आया था, और अब नहीं आ रहा है जिस से हमारे सुपा, टोकरी, टुकना कुछ भी बिक नहीं रहा है. हम तो अभी बनाना छोड़ दिए हैं” यह...

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ग्रामीण भारत में कोरोना : फसल बेचने में असमर्थ बंगाल के किसानों पर बढ़ रहा है क़र्ज़ का बोझ

-न्यूजक्लिक,  गोपीनाथपुर, कृष्णपुर और सर्पलेहना गाँव पश्चिम बंगाल राज्य के तीन अलग-अलग कृषि-पारिस्थितिक क्षेत्रों में स्थित हैं। किस मात्रा में सिंचाई की उपलब्धता है, उसी अनुपात में जमीन में खेती-बाड़ी की जा सकती है जो कि इन क्षेत्रों में अलग-अलग है। गोपीनाथपुर बांकुरा क्षेत्र के कोटुलपुर ब्लॉक में पड़ता है, जो कि कृषि क्षेत्र के लिहाज से पश्चिम बंगाल के सबसे विकसित क्षेत्रों में से एक है। दूसरी और नादिया जिले...

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कोविड-19: लॉकडाउन से साफ हो रही हवा, क्या हैं इसके संदेश और संकेत

न्यूजलॉन्ड्री, यह एक असाधारण समय है, लेकिन विवेक को हमेशा घबराहट की स्थिति से ऊपर रहना होता है. यह समय उसी विवेक केइस्तेमाल से एक सामाजिक दूरी रखते हुए इस दौरान मिलने वाले समय में कुछ सोचने समझने का भी है. क्या इस वक्त का इस्तेमाल कर हम विध्वंस के समय की कुछ बातों को सामान्य दिनों में लागू करने की सोच सकते हैं? कोरोनावायरस महामारी की वजह से इस सामाजिक स्वास्थ्य...

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