73 वर्षीय फिरोज अशरफ जोगेश्वरी की झुग्गी बस्तियों के बच्चों के लिए सुपरहीरो अंकल से कम नहीं हैं। उम्र के इस पड़ाव पर आकर फिरोज का कहना है कि जब तक हाथ-पांव चल रहे हैं, बच्चों को पढ़ाता रहूंगा। 1997 से अब तक 5000 से ज्यादा बच्चे उनसे शिक्षा ले चुके हैं। फिरोज बताते हैं, उनका मकसद शिक्षा की उस कमी को पूरा करना है जो सरकारी स्कूलों की अनदेखी के...
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मुंबई की झुग्गी में शिक्षा की अलख जगाते सुपरहीरो अंकल
फिरोज अशरफ ने बीस साल पहले नौकरी छोड़ दी थी। उनके पढ़ाए बच्चे आज झुग्गियों से निकलकर बड़े बैंक अधिकारी और वकील बन गए हैं। 73 वर्षीय फिरोज अशरफ जोगेश्वरी की झुग्गी बस्तियों के बच्चों के लिए सुपरहीरो अंकल से कम नहीं हैं। उम्र के इस पड़ाव पर आकर फिरोज का कहना है कि जब तक हाथ-पांव चल रहे हैं, बच्चों को पढ़ाता रहूंगा। 1997 से अब तक 5000 से ज्यादा...
More »गंगा योजना बनाम विकास नीति - कृष्णदत्त पालीवाल
महाकवि कालिदास की एक प्रसिद्ध उक्ति ध्यान में आती रहती है कि संदेह के अवसरों पर अंत:करण की आवाज को प्रमाण मानना चाहिए। ठीक बात है। लेकिन आत्म-बोध, ज्ञान-बोध दोनों के बीच संदेह झूल रहा है। यह संदेह संस्कृति रूपी चित्त की खेती को बर्बाद करने का जाल बिछा रहा है। विश्वास का अंत कर रहा है और संशय का हुदहुद सभी को ढहाए दे रहा है। भारतीय जन-मानस की...
More »बागवानी के अच्छे दिन!
यह सच है कि फल-सब्जियों की कीमतें बढ़ी हैं और यह भी सच है कि बीते बीस सालों(1991-91 से 2012-13) में देश में फल-फूल, सब्जी और मसालों की खेती का रकबा दोगुना बढ़ा है। नतीजतन, वानिकी-उत्पादन में तकरीबन तीन गुना(2.8 प्रतिशत) की बढ़ोत्तरी हुई है। कृषि मंत्रालय की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते बीस सालों में वानिकी का रकबा 1 करोड़ 20 लाख 77 हजार हैक्टेयर से...
More »पग-पग बीहड़ और अंख-अंख पानी - पंकज चतुर्वेदी
चंबल, मध्य प्रदेश के भिंड और मुरैना जिले में ऐसे 948 गांव हैं, जहां का सामाजिक व आर्थिक ताना-बाना जमीन में पड़ती गहरी दरारों के कारण पूरी तरह से बिखर चुका है। यहां की जमीन का रिकॉर्ड रखना सरकार के बस में नहीं है, क्योंकि पता नहीं कौन-सी सुबह किसका घर, खेत या सड़क बीहड़ की भेंट चढ़ जाए। लगभग 16.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले चंबल संभाग का कोई 20...
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