आम बजट और रेल बजट को देख कर यह सहज रूप से कहा जा सकता है कि केंद्र सरकार बजट के पीछे राजनीति कर रही है. राजनीति इस अर्थ में कि जो भाजपा कहती है, वह करती नहीं है. जो वादा करती है, उसके पीछे उसकी मंशा क्या है, तथा आम आदमी के प्रति वह कितनी हमदर्द है, वह आम बजट और रेल बजट से साबित हो गया है. सरकार...
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बजट के पीछे की राजनीति- नीलोत्पल बसु
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आम बजट पेश करके देश के सामने विकास का रोडमैप रखा है. इस बजट पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और विशेषज्ञ क्या सोचते हैं. ‘बजट के पीछे की राजनीति' पर ‘प्रभात खबर' एक सीरीज शुरू कर रहा है. इसी सीरीज में आज पढ़ें पहली कड़ी. एनडीए सरकार द्वारा पेश आम बजट और रेल बजट आम लोगों के लिए निराश करने वाला रहा. आम बजट...
More »इन्क्लूसिव मीडिया-यूएनडीपी फैलोशिप 2014: आवेदन की अंतिम तिथि बढायी गई
इन्क्लूसिव मीडिया-यूएनडीपी फैलोशिप 2014 के लिए आवेदन पत्र भेजने की आखिरी तारीख 15 जुलाई 2014 से बढ़ाकर 1 अगस्त 2014 कर दी गई है। कृपया इससे सबंधित सूचना के लिए हमारे वेबसाइट का फैलोशिप वाला खंड देखें या नीचे लिखी सामग्री को पढ़ना जारी रखें। इन्कूलिसिव मीडिया-यूएनडीपी फैलोशिप-2014 के लिए पत्रकारों से हिन्दी और अंग्रेजी भाषा में आवेदन आमंत्रित हैं। फैलोशिप के लिए आवेदन विकासशील समाज अध्ययन पीठ( सीएसडीएस) की एक परियोजना इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज की...
More »नया कारोबार है ''कंपनियों की कर्ज़ माफ़ी''- पी साईनाथ
भारत में कंपनियों को दी जाने वाली टैक्स की छूट और क़र्ज़ की माफ़ी हमेशा से विवाद का विषय रहे हैं. केंद्र सरकार 2006-07 से हर साल बजट में इस बात का ज़िक्र करती है कि उसने कंपनियों को टैक्स में कितनी छूट दी और आयकर दाताओं को कितनी छूट मिली. मशहूर लेखक और वरिष्ठ पत्रकार पी साईनाथ का कहना है कि सरकार ने पिछले नौ सालों में कंपनियों को 365 खरब...
More »तरक्की का चमत्कार हिबड़े बाजार
कुशल प्रशासन और चुस्त प्रबंधन की वजह से महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के हिबड़े बाजार गांव की आज पूरे देश में चर्चा है. कैसे एक युवा सरपंच के नेतृत्व में एकजुट हिबड़े बाजार के लोगों ने गरीबी से न केवल मुक्ति पा ली, बल्कि आज पूरा गांव आत्मनिर्भर है. ‘राहें और भी हैं' की इस सीरीज में आज पढ़ें गवर्नेस के सफल मॉडल बन चुके हिबड़े बाजार की तरक्की की...
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