रांची. राज्य में प्राथमिक शिक्षा का बुरा हाल है। इसका प्रमाण इस साल शिक्षकों के 254 में से 100 दिन गैर शैक्षणिक कार्य करने से लग सकता है। सरकार गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक शिक्षा का दावा तो करती है, पर शिक्षकों को जनगणना (साल में दो बार), मतदाता सूची संशोधन, वोटर आईडी या पंचायत चुनाव में लगा देती है। आगामी 15 जनवरी से ये शिक्षक फिर से जनगणना कार्य में लगा दिए जाएंगे। शिक्षकों...
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कमजोर महिलाओं की ताकत बना एक बैंक- आशीष कुमार अंशु
वनिता जालिन्दर पीसे आज से कुछ साल पहले लोन के लिए बैंकों के चक्कर लगा रही थीं। बैंकों की औपचारिकता ओं और पेपर वर्क की वजह से उन्हें लोन नहीं मिल पा रहा था। निराश होकर वह घर बैठ गईं। उन्होंने लोन की आशा ही छोड़ दी। तभी एक दिन मानदेसी महिला संगठन के कुछ लोग उनके पास आए और उन्हें आसान शर्तों पर लोन मिल गया। वर्ष 2003 में उन्होंने...
More »बढ़ता दायरा घटता प्रभाव!
पिछले कुछ समय में बिहार में नक्सली हिंसा कम हुई है लेकिन नक्सल प्रभावित इलाके बढ़े हैं. इस बार नक्सलियों द्वारा बहिष्कार की घोषणा के बावजूद विधान सभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है. इसे नक्सलियों के घटते असर के रूप में देखा जाए या उनकी बदली रणनीति के तौर पर, बता रहे हैं निराला एनएच टू यानी जीटी रोड पर है डोभी. डोभी से ही गया-बोधगया जाने के लिए...
More »कहीं बलि तो कही अपहरण का शिकार हो रहे हैं बच्चे
रायपुर.गुढ़ियारी राम नगर और संतोषीनगर में बच्चों की नृशंस हत्या का राज खुलने के साथ ही विश्वासघात की कड़वी हकीकत सामने आई है। हत्याकांड के आरोपी पकड़े जाने का इंतजार कर रही जनता अब हैरान है। बच्चों के अपहरण और हत्याओं की लगातार हो रही घटनाओं ने राजधानी के पालकों को चिंता में डाल दिया है। रविवार को दोपहर बाद शहर के पुराने मोहल्लों और कालोनियों में हत्याकांड की ही चर्चा होती...
More »प्रतिबद्ध पत्रकार बड़ा बदलाव ला सकते हैं- ज्यां द्रेज
1. झारखंड की स्थापना का एक दशक पूरा हुआ। झारखंड के बारे में आपका मूल्यांकन क्या कहता है ? झारखंड की जनता ने अलग राज्य बनाने के लिए जब लडाई ठानी तो आस यह लगी थी कि राज्य बना तो उन्हें अपनी जिन्दगी संवारने के बेहतर मौके मिलेंगे।झारखंड की जनता के लिए यह एक तरह से मुक्ति-यज्ञ था।लेकिन हुआ इसके उलट, झारखंड की स्थापना से ताकत उन्हीं की बढ़ी जिनसे जनता...
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