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मछुआरों के देवता में प्राण फूंकने वाला इकलौता मूर्तिकार

पारी, 20 सितम्बर कन्निसामी उत्तरी तमिलनाडु में थिरूवल्लूर ज़िले के तटवर्ती इलाकों में बसे गांवों की सीमाओं की रक्षा करते हैं. मछुआरा समुदायों के यह संरक्षक देवता उसी समुदाय के किसी आम आदमी जैसा दिखते हैं, जो भड़कीले रंगों वाली क़मीज़ें पहनते हैं और वेटि (सफ़ेद धोती) के साथ-साथ माथे पर एक टोपी भी धारण करते है. मछुआरे समंदर में प्रवेश करने से पहले उनकी पूजा करते हैं और अपनी सुरक्षित...

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कटी हुई अँगुलियाँ और चमचमाती कारें

क्या आप जानते हैं कि आपकी कार बनाते समय कितने लोगों की अँगुलियाँ कट गई थी ? आपने जिस भी कंपनी से कार खरीदी है, क्या वहाँ सुरक्षा मानकों की पालना की जा रही थी ? मजदूरों की सुरक्षा के लिए कौनसे कदम उठाएँ गए हैं ? क्या वो पर्याप्त हैं ?  इसी तरह के सवाल का ज़वाब तलाशती है– ‘सेफ इन इंडिया’ की रिपोर्ट – सेफ्टी–नीति 2023 और CRUSHED 2022. ऑटो–मोबाइल क्षेत्र,...

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वन (संरक्षण) संशोधन बिल-2023 से उपजी बहस का लेखाजोखा

2 अगस्त को लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी वन (संरक्षण) संशोधन बिल, 2023 पारित हो गया। यह बिल वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 में संशोधन करेगा। इस बिल को 2023 के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में पेश किया था। तब इस बिल को लोकसभा अध्यक्ष ने ‘संयुक्त संसदीय समिति’ के पास भेज दिया था। समिति ने मूल मसौदे को यथावत रखा; उसमें किसी भी तरह के बदलाव की सिफारिश नहीं की।  लेकिन,...

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महामारी के बाद बच्चों की तस्करी की घटनाएं बढ़ीं; यूपी, बिहार, आंध्र प्रदेश शीर्ष पर: अध्ययन

द वायर, 1 अगस्त एक अध्ययन के अनुसार, राजस्थान की राजधानी जयपुर पिछले छह वर्षों में देश में तस्करी वाले बच्चों के लिए सबसे प्रमुख स्थान के रूप में उभरा है. ‘गेम्स24×7’ और कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन (केएससीएफ) द्वारा बीते रविवार (30 जुलाई) को यह अध्ययन रिपोर्ट जारी की गई है. ‘चाइल्ड ट्रैफिकिंग इन इंडिया: इनसाइट्स फ्रॉम सिचुएशनल डेटा एनालिसिस एंड द नीड फॉर टेक ड्रिवेन इंटरवेंशन स्ट्रेटजीज’ शीर्षक वाली रिपोर्ट 30...

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पुश्तैनी रोजगार को बचाने में उपयोगी बन रही सौर ऊर्जा, आगे बढ़ाने के लिए सरकारी मदद जरूरी

  मोंगाबे हिंदी, 20 मार्च आधा अक्टूबर करीब-करीब बीत चुका था। 44 साल के कुम्हार रघुराम कुलाल चाक पर मिट्टी का घड़ा बनाने में व्यस्त थे। किसी पारंगत कुम्हार की तरह उनकी उंगलियां तेजी से गीली मिट्टी को नया आकार दे रही थीं। लेकिन एक चीज ऐसी थी जो उनके सामने चल रहे चाक को पुराने चाक से अलग करती थी। उनका चाक सौर ऊर्जा से चल रहा था। कुलाल का घर कर्नाटक...

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