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छोटे उद्योगों पर प्रहार --- डॉ भरत झुनझुनवाला

सरकार ने नोटबंदी को कालेधन के सफाये के अस्त्र के रूप में पेश किया है, परंतु लगभग पूरा कालाधन बैंकों में जमा होकर ‘सफेद' हो गया है. न सिर्फ कालेधन को नष्ट करने का उद्देश्य पूरी तरह असफल रहा है, बल्कि कालाधन पुनः नये नोटों में पैदा हो चुका है. करोड़ों रुपये के नये नोट जब्त हो रहे हैं. नोटबंदी का असल प्रहार छोटे उद्योगों पर हुआ है. तमाम उद्योग...

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बीपीएल परिवारों को स्वास्थ्य बीमा लाभ

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना वर्ष 2008-09 में शुरू की गयी और अब भी जारी है. यह बीपीएल परिवारों के सदस्यों के स्वास्थ्य बीमा के लिए है. इसके तहत बीपीएल परिवार को कैशलेस बीमा कार्ड दिया जाता है. इसके आधार पर बीपीएल परिवार के अधिक-से-अधिक पांच सदस्य साल में 30 हजार रुपये तक का मुफ्त इलाज करा सकते हैं. यह कार्ड सरकार बीमा कंपनी के माध्यम से लाभुकों को उपलब्ध कराती है. ...

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मां की परेशानी ने बनाया वैज्ञानिक

रांची के पिर्रा के रहने वाले साजिद को यह बात बहुत तकलीफ पहुंचाती थी कि उनकी मां चावल के कंकड़ को चुनने के लिए घंटों परेशान रहती थीं. अगर चावल से कंकड़ नहीं निकला जाता तो खाना बेमजा हो जाता था. साजिद कहते हैं कि इससे वे उलझन में पड़ जाते. अपनी मां को रोज की इस परेशानी से इस बालक ने छुटकारा दिलाने की ठान ली और वह राइस फिल्टर...

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बारिश में कैसे पढेंगे बच्चे

पटना: सूबे में मॉनसून को आये 15 दिन से ज्यादा बीत चुके हैं, पर इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है कि राज्य के 10 हजार भवनहीन स्कूलों के बच्चे, जो पेड़ के नीचे पढ़ते हैं, बारिश होने पर कहां जायेंगे. हद तो यह है कि एक हजार स्कूलों के पास भवन निर्माण की राशि रहने के बावजूद निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है. राज्य में सर्व...

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गरीबों के हक का बंदरबांट!

आज पूरा झारखंड, इसके सभी 24 जिले, उग्रवाद की चपेट में है। राज्य के अधिकांश संसाधन और कोष विकास कार्यक्रमों की बजाय उग्रवाद से टक्कर लेने पर खर्च होते हैं। विकास थम गया है। सबसे पिछड़े राज्यों की पंक्ति में खड़ा है झारखंड। यह दशा साल दो साल में नहीं, दशकों से चली आ रही उपेक्षा का नतीजा है। समीक्षा होती है, और सभी मानते हैं कि झारखंड में सरकारी मशीनरी...

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