-न्यूजक्लिक, मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति चालू वित्त वर्ष 2021-22 में करीब 5.3 प्रतिशत रह सकती है। यह केंद्रीय बैंक के पूर्व अनुमान के अनुरूप है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की जानकारी देते हुए कहा कि मुद्रास्फीति के अगले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में नरम पड़कर पांच प्रतिशत पर आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति का अनुमान पूर्व के अनुमान के लगभग अनुरूप है।...
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स्वान रिपोर्ट: कोविड-19 की दूसरी लहर में भी प्रवासी मजदूर बेरोजगारी, कर्ज, भुखमरी और अनेकों अनिश्चितताओं में जीवन यापन करने के लिए मजबूर हुए!
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के रूप में, देश के लगभग 92 प्रतिशत श्रमिक (जिनके पास सामाजिक सुरक्षा जाल तक पहुंच नहीं है) एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं. एक साल से भी कम समय में लगातार दूसरी बार देश में लॉकडाउन हुआ है. 20 अप्रैल, 2021 को, देश भर के 10 राज्यों में आंशिक लॉकडाउन और दिल्ली में पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया. 8 मई, 2021...
More »वेतन में कटौती, ‘फीस मिलने में मुश्किलें आ रहीं’—कोविड का लंबा खिंचना निजी स्कूलों की चिंता का सबब बना
-द प्रिंट, कोविड महामारी के कारण पिछले करीब एक साल से अधिक समय से स्कूल बंद हैं, और कक्षाएं ऑनलाइन लग रही हैं, इससे देशभर में शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिकूल असर पड़ा है—और ऐसा नहीं है कि इसका खामियाजा अकेले छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. इससे निजी स्कूल विशेष रूप से प्रभावित हुई हैं, और कई स्कूलों के लिए तो अपने कर्मचारियों के वेतन का भुगतान करना भी मुश्किल हो गया...
More »लक्षद्वीप : स्वर्ग-दोहन का लालच
-आउटलुक, “देश के सबसे छोटे केंद्र शासित सुरम्य द्वीप समूह में विकास के नाम पर पर्यावरण की बर्बादी का दु:स्वप्न” आसमान से देखने पर द्वीपों का यह समूह नारियल के घने पेड़ों से आच्छादित सीपों की लड़ी की तरह नजर आता है। यहां 36 द्वीप हैं। सबसे बड़ा पांच वर्ग किलोमीटर का है और सबसे लंबा द्वीप एक छोर से दूसरी छोर तक 10 किलोमीटर है। एक द्वीप भारत के एकमात्र प्रवाल...
More »फसल उत्पादन के बदले किसान को मिलता है केवल एक चौथाई हिस्सा: रिसर्च
-डाउन टू अर्थ, फसल कटाई के बाद किसान अपने अनाज को अलग-अलग तरीकों से मंडी या बाजार में बेच देते हैं, किसानों को अनाज का वह मूल्य नहीं मिल पाता है जिसके वे हकदार होते हैं। जबकि विभिन्न प्रसंस्करण, भंडारण, परिवहन, थोक बिक्री, खुदरा बिक्री, खाद्य सेवा और अन्य कार्य जो कृषि की पैदावार को खाद्य पदार्थों में बदलते हैं इसके बाद यह उपभोक्ताओं तक पहुंचता है, जो इसके लिए कहीं...
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