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स्वान रिपोर्ट: कोविड-19 की दूसरी लहर में भी प्रवासी मजदूर बेरोजगारी, कर्ज, भुखमरी और अनेकों अनिश्चितताओं में जीवन यापन करने के लिए मजबूर हुए!

कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के रूप में, देश के लगभग 92 प्रतिशत श्रमिक (जिनके पास सामाजिक सुरक्षा जाल तक पहुंच नहीं है) एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व संकट का सामना कर रहे हैं. एक साल से भी कम समय में लगातार दूसरी बार देश में लॉकडाउन हुआ है. 20 अप्रैल, 2021 को, देश भर के 10 राज्यों में आंशिक लॉकडाउन और दिल्ली में पूर्ण लॉकडाउन लगाया गया. 8 मई, 2021...

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कोरोना लॉकडाउन: प्रवासी मज़दूरों के लिए ना घर में काम, ना बाहर, जाएं तो जाएं कहाँ?

-बीबीसी, जोगिंदर हमाली अहमदाबाद शहर में वर्षों तक खुले में अपने ठेलेगाड़ी पर सोते रहे. उन्हें ज़िंदगी की नाइंसाफ़ी पर हैरानी होती थी. पिछले साल लॉकडाउन से पहले तक वह अहमदाबाद में दिहाड़ी कर रहे थे. लेकिन काम छूट गया तो वो गाँव लौट गए. कुछ महीनों पहले काम की तलाश में हमाली फिर अहमदाबाद लौटे, लेकिन इस साल अप्रैल में जब लॉकडाउन लगा तो एक बार फिर उन्हें मजबूर होकर गाँव...

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गरीबी, भूख और लॉकडाउन

-न्यूजक्लिक, नरेंद्र मोदी ने, 24 मार्च 2020 को एलान किया था कि चार घंटे के बाद से, देश भर में पूर्ण लॉकडाउन लागू हो जाएगा! यह देशव्यापी लॉकडाउन मई के आखिर तक चलने जा रहा था। इसके बाद भी स्थानीय लॉकडाउन तो बने रहे पर, देशव्यापी आम लॉकडाउन नहीं हुआ। लॉकडाउन से करोड़ों मेहतनकश गरीबों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इनमें से प्रवासी मजदूूरों की तकलीफों की तरफ तो...

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प्रवासी मजदूर एक बार फिर मुसीबत में फंसे

-प्रेस विज्ञप्ति 5 मई 2021, कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर में मृतकों की संख्या और संक्रमण की दर खतरनाक रूप से उच्च होने के कारण देश के कई हिस्सों में तालेबंदी और अन्य प्रतिबंध लगाए गए हैं। भले ही एक राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा नहीं की गई है, फिर भी सैर-आवश्यक आर्थिक गतिविधियों में और अधिक कटौती की मांग के साथ काम गंभीर रूप से बाधित हो गया है। परिणामी संकट...

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पंजाब में प्रवासी मज़दूरों को बंधुआ बनाने के दावों में कितनी सच्चाई?

-न्यूजक्लिक, भारत के गृह मंत्रालय ने पंजाब के मुख्य सैक्रेटरी और डायरेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस को 17 मार्च को लिखी चिट्ठी में कहा है कि पंजाब के सरहदी जिलों में प्रवासी मज़दूरों को नशे की लत लगाकर उनसे बंधुआ मज़दूरी करवाई जाती है। चिट्ठी में यह भी लिखा है, “मज़दूरों से ज्यादा काम करवाने के बाद भी मेहनताना नहीं दिया जाता। पंजाब के सरहदी जिलों में काम कर रहे मज़दूरों में...

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