पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...
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जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए किसानों को सतत मूल्य श्रृंखलाओं की जरूरत
डाउन टू अर्थ, 23 जनवरी स्थानीय स्तर पर किया गया पारितान्त्रिक बहाली कार्य अनुकूलन को सम्भव बनाने और जलवायु के प्रति लोगों की सहनशीलता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है, जो कि हाल ही में जलवायु परिवर्तन पर यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन द्वारा आयोजित 27वीं कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (सीओपी27) के दौरान विचार-विमर्श का एक प्रमुख केन्द्र भी रहा। जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव, फसल का घटता रकबा, जैव-विविधता को नुकसान, अपर्याप्त भोजन...
More »मीडिया की सुर्ख़ियों से गायब है अनाजों में बढ़ती 'महंगाई दर' की बात!
कुछ राज्यों में मानसून देरी से आया है इस कारण बोये गए चावल का इलाका पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है. आंकड़ो में कहें तो 29 जुलाई,2022 तक 231.59 लाख हेक्टेयर रकबे में ही चावल बोये गए हैं जोकि पिछले वर्ष के इसी समय काल की तुलना में कम (267.05 लाख हेक्टेयर) है. बोये गए चावल के इलाके में आयी कमी सहित अन्य कारणों से अनाजों के दामों में महंगाई बढ़ने का डर...
More »इस खरीफ सीजन धान की 17% कम रोपाई, क्या और बढ़ जाएगी महंगाई?देश के कई हिस्सों में इस बार मानसूनी (Monsoon) बारिश में कमी देख गई है
क्विंट हिन्दी, 27 जुलाई देश के कई हिस्सों में इस बार मानसूनी (Monsoon) बारिश में कमी देख गई है. इसका किसानों (Farmer) पर भी असर पड़ा है और खरीफ की फसलों में जहां दालों का रकबा बढ़ा है तो वहीं धान की रोपाई पिछले साल के मुकाबले करीब 17 प्रतिशत कम हुई है. लेकिन इसकी वजह अकेली बारिश नहीं है. धान के घटते रकबे के कई और कारण भी हैं, जो...
More »खरीफ फसलों को बर्बाद कर चुकी बारिश रबी सीजन में बनेगी वरदान!
-डाउन टू अर्थ, बेशक पिछले महीनों में हुई भारी बारिश के कारण देश के 20 राज्यों में 50.4 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बोई गई फसल को नुकसान हुआ है, लेकिन साल के आखिरी महीने में दावा किया जा रहा है कि यह बारिश अब रबी सीजन की फसल के लिए वरदान साबित हुई है। 3 दिसंबर 2021 को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से किए गए ट्वीट में कहा...
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