हरिओम गौड, श्योपुर(मध्यप्रदेश)। श्योपुर व आसपास के गांवों के लोग जिस कचरे को घूरे पर फेंक देते हैं, उसी कचरे से राजस्थान के किसान रेगिस्तान में खेती कर रहे हैं। तेंदूपत्ता मिले खास किस्म के इस कचरे को राजस्थान के किसान चंबल व बनास नदी के किनारे रेत के ऊपर बिछाकर कृत्रिम खेत बनाते हैं। इन खेतों में गर्मी के सीजन में खरबूजा, ककड़ी के अलावा कई तरह की मौसमी सब्जियों...
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अस्तित्व बचाने को जूझ रहीं "सभ्यता की जननी"
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। जिनके आंगन में हजारों वर्षों से मानव सभ्यता फली-फूली, वे ही अपना अस्तित्व" बचाने को संघर्ष कर रहीं हैं। "सभ्यता की जननी" नदियों की हकीकत आज कुछ ऐसी ही है। जो हाल गंगा-यमुना का है वैसी पीड़ा में देश की 275 नदियां हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि जीवनदायिनी नदियों की हालत सुधरने के बजाय बदतर हो रही है। इनको निर्मल और अविरल बनाने की राह...
More »कचरा प्रबंधन से ही स्वच्छ होगा भारत
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। झाड़ू उठाने भर से नहीं बल्कि कचरे को ठिकाने लगाने से स्वच्छ भारत का सपना साकार हो सकेगा। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों से रोजाना निकलने वाले लाखों टन कूड़े का उचित प्रबंधन न होने से कई तरह की मुश्किलें पैदा हो गई हैं। खुले में शौच बंद करने के पुख्ता उपाय और घरों से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण प्रशासन के लिए कठिन चुनौती बन...
More »श्योपुर के कचरे से राजस्थान के रेगिस्तान में खेती
हरिआमे गौड, श्योपुर। श्योपुर और आस-पास के गांवों में लोग जिस कचरे को फेंक देते हैं, उससे राजस्थान के किसान रेगिस्तान में खेती कर रहे हैं। तेंदूपत्ता मिले खास किस्म के कचरे को किसान चंबल व बनास नदी के किनारे 200 से 250 बीघा जमीन में रेत के ऊपर बिछाकर कृत्रिम खेत बनाते हैं। इनमें गर्मी के सीजन में खरबूजा, ककड़ी के अलावा कई मौसमी सब्जियों की खेती कर रहे हैं।...
More »लगन: जलती है हेडलाइट तो पढ़ता है भोला
भागलपुर: भागलपुर शहर के सराय चौक के समीप सड़क किनारे नाले के ढक्कन पर हर शाम छह बजे एक बच्च पिछले कई वर्षो से कॉपी और किताब लेकर पहुंचता है. वह भी इस उम्मीद के साथ कि गाड़ियां लगातार चलती रहेंगी और वह उसकी हेडलाइट की रोशनी में पढ़ाई कर लेगा. हेडलाइट का जो भी साथ मिलता है, उसमें वह रात नौ बजे तक पढ़ाई करता रहता है. मिट्टी की दीवार...
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