-इंडिया टूडे हिंदी केंद्र सरकार का अकेला बजट मंदी का भाड़ फोड़ सकता होता तो फिर छह ‘शानदार’ बजटों के बावजूद हम औंधे मुंह धंस न गए होते. अथवा टैक्स या कर्ज रियायतों के ताजे पैकेज (ऑटोमोबाइल, हाउसिंग, कॉर्पोरेट के टैक्स में कमी, एनबीएफसी, लघु उद्योग) सिर के बल खड़े न हो जाते. 2020-21 का बजट कुछ ऐसी वजहों से संवेदनशील होने वाला है जो अर्थव्यवस्था और सियासत, दोनों के लिए कीमती...
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कम फीस और ज्यादा गुणवत्ता वाले शिक्षा संस्थानों का होना बेहद जरूरी क्यों है
पिछले कुछ समय से पूरे देश में कई विश्वविद्यालयों के छात्र फीसवृद्धि को लेकर उत्तेजित हैं. पड़ोसी देश पाकिस्तान तक से इसी प्रकार के विरोध-प्रदर्शनों की खबरें आ रही हैं. शासक वर्ग की ओर से इसके प्रति या तो उदासीनता दिखाई जा रही है या फिर इसे राजनीतिक रंग देकर खारिज करने की कोशिश की जा रही है. विपक्षी दल भी इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं कर रहे हैं...
More »क्या सिर्फ़ साल बदलने से गड्ढे से बाहर आ जाएगी अर्थव्यवस्था?
दोनों ने किया इक़रार मगर मुझे याद रहा तू भूल गई... अब आप इसे जनता की तरफ़ से सरकार के लिए गा लीजिए या शेयर बाज़ार की तरफ़ से इकॉनमी के लिए। ख़ास फर्क नहीं पड़ेगा। 2019 की कहानी कुछ ऐसी ही कहानी रही। लोगों ने बड़े अरमानों से मोदी सरकार को दोबारा कुर्सी तक पहुँचाया। उन्हें भी और जिन्होंने इस सरकार को वोट नहीं दिया उन्हें भी उम्मीद यही थी कि...
More »एनपीआर एनआरसी नहीं है फिर इसको लेकर इतनी आशंकायें क्यों हैं?
पिछले दिनों देश भर में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर प्रदर्शन हुए. कई राज्यों में ये प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो गए और कई लोगों को इनमें जान गवानी पड़ी. इसके बाद प्रधानमंत्री ने दिल्ली में अपनी रैली में जोर देकर कहा कि उनकी सरकार के पहले कार्यकाल से लेकर अब तक कभी भी मंत्रिमंडल या संसद में एनआरसी पर विचार ही नहीं हुआ है. हालांकि, देश...
More »झारखंड और महाराष्ट्र चुनावों के बाद महाबली नहीं रही मोदी सरकार
झारखंड में लोकसभा की सिर्फ 14 सीटें हैं. इस लिहाज से राष्ट्रीय राजनीति के लिए इस राज्य का महत्व सीमित माना जा सकता है. लेकिन इस राज्य के विधानसभा चुनाव को लेकर जिस तरह की जबर्दस्त दिलचस्पी नजर आई, वह महत्वपूर्ण है. इस राज्य के चुनाव नतीजों के राष्ट्रीय राजनीति के लिए गंभीर मायने हैं. दरअसल, राष्ट्रीय सरकार को लेकर, बीजेपी और नरेंद्र मोदी की जो कल्पना है, उसका नकार पिछले...
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