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पीछे छूट गया रोजगार का सवाल- हरिवंश चतुर्वेदी

आर्थिक उदारीकरण के दौर में जिन राज्यों के आर्थिक विकास की दर तेज रही और जिन्हें समय-समय पर एक मॉडल की तरह पेश किया गया, वहां अब सामाजिक- आर्थिक स्थिति विस्फोटक हो रही है। पिछले एक वर्ष में हरियाणा के जाटों, गुजरात के पटेलों, महाराष्ट्र की मराठा जातियों और आंध्र प्रदेश में कापू जाति के लोगों ने खुद को अन्य पिछड़ी जातियों में शामिल किए जाने की मांग को लेकर...

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संस्थागत भ्रष्टाचार और राजनीति-- एम के वेणु

तेज-तर्रार और राजनीतिक रूप से शक्तिशाली शराब कारोबारी विजय माल्या चुपचाप देश छोड़कर भाग गए, क्योंकि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय एक दर्जन से अधिक बैंकों के 9,000 करोड़ रुपये के कर्ज को जान-बूझकर न चुकाने के मामले में उनका पीछा कर रहा है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय आईडीबीआई बैंक द्वारा माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 950 करोड़ रुपये के एक अलग मामले की भी जांच कर रहा है,...

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10.69 करोड़ परिवार को 10 डिसमिल मयस्सर नहीं, कैसे मिलेगा 2022 तक सबको मकान

नई दिल्ली: जल जंगल और जमीन, ये हो जनता के अधीन। आधी दुनिया नारी है, जमीन में दावेदारी है......नारी उतरे खेत में, गूंज सारे देश में। जी हां जंतर-मंतर से उठती आवाजें। लगभग 10000 लोगों की भीड़। जिसमें महिलाओं की बहुत बड़ी संख्या। माईक का शोर,नारे की गूंज..ढ़ोल का थाप,तालियों की गड़गड़ाहट, चेहरे पर चिंता की लकीरें,संसद की ओर निहारतीं पथरीलि आंखे... लेकिन गांधी के रास्ते पर भरोसा..सत्याग्रह में आस्था...

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कंपनी पर 223 करोड़ का कर्जा, वंदना एनर्जी की संपत्ति जब्त

कोरबा (निप्र)। पिछले चार साल से बन कर तैयार वंदना एनर्जी की 35 मेगावाट संयंत्र की संपत्ति आखिरकार बैंकों ने जब्त कर ली। कंपनी पर 223.71 करोड़ का कर्जा था, किश्त की राशि नहीं पटाई जा रही थी। इसकी वजह से ब्याज भी लगातार बढ़ रहा था। लगातार नोटिस दिए जाने के बाद भी किश्त की राशि नहीं पटाई गई। अंततः संयुक्त रूप से तीन बैंकों ने संयंत्र की जमीन,...

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‘भारत में आजादी’ का अर्थ-- रविभूषण

आजादी की लड़ाई में आजादी के स्वरूप और उसकी अवधारणा को लेकर बीसवीं सदी के बीस के दशक के मध्य से जो विचार-मंथन आरंभ हुआ था, वह 1947 की अधूरी राजनीतिक आजादी या सत्ता-हस्तांतरण के कुछ वर्ष बाद थम गया. रुक-रुक कर वास्तविक और मुकम्मल आजादी की बातें हुईं. ‘संपूर्ण क्रांति' का आंदोलन भी हुआ, पर कुछ समय बाद ही न उसमें गति रही, न शक्ति, और न इच्छाशक्ति ही...

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