विजय माल्या पर 7,000 करोड़ की देनदारी है तो दूसरे बड़े उद्यमियों पर इससे लगभग नौ गुना यानी 60,000 करोड़ रुपए की देनदारी है। माल्या का कहना है कि इस रकम के खटाई में पड़ने में सरकारी बैंकों की भी भागीदारी है, क्योंकि उन्होंने यह जानते हुए लोन दिए थे कि कंपनी संकट में है। सच यह है कि सरकारी बैंकों के अधिकारियों के लिए घटिया लोन देना लाभ का...
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बिहार- राशन के लिए साल भर का कूपन जुलाई में
पटना : इस साल जुलाई में राशन-किरासन उपभोक्ताओं को राशन-किरासन मिलेगा. इसके लिए खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. जिलों से कहा गया है कि शहरी क्षेत्र में वार्ड स्तर पर और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पंचायत स्तर पर इसके लिए पूरा ब्योरा मांगा गया है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस साल जुलाई में ही शत प्रतिशत कूपन का वितरण कर दिया जायेगा. सभी...
More »मनरेगा : देश के एक तिहाई जिलों में ही सामाजिक अंकेक्षण
चालू वित्तवर्ष में अब चंद दिन बाकी हैं लेकिन देश के केवल एक तिहाई जिलों में ही मनरेगा के कामकाज का सामाजिक अंकेक्षण हो सका है. मनरेगा संबंधी सूचनाओं की वेबसाइट के एमआईएस(मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम) के आंकड़ों के विश्लेषण से इस तथ्य का खुलासा होता है कि वित्तवर्ष 2015-16 में 26 मार्च तक देश के केवल एक तिहाई जिलों में ही सामाजिक अंकेक्षण का काम हुआ है. एमआईएस के आंकड़ों के मुताबिक मनरेगा...
More »खौफ पर शिक्षा की लौ भारी
बाल विवाह व दलालों की खिलाफत करनेवाली गुमला की विरशमुनी कुमारी व ममता कुमारी की चर्चा पूरे राज्य में है. चैनपुर की सुनीता की कुरबानी भी आदर्श है, जिसने नक्सलियों के साथ से ज्यादा पढ़ाई को महत्व दिया. जान गवां दी, पर झुकी नहीं. असामाजिक तत्वों के खिलाफ शिक्षा की मशाल जला यहां की बेटियां समाज को बदलाव की नयी राह दिखा रही हैं. गुमला से लौट कर जीवेश ...
More »झुमरा : बारूद की गंध की जगह फसल की खुशबू
देश में बाेकाराे के जिस झुमरा पहाड़ की चर्चा बारूदी सुरंग विस्फोट व मुठभेड़ों के लिए होती थी, वह झुमरा अब बदल गया है. टूटी-फूटी सड़कों की जगह अब पक्की सड़क पर चार घंटे का सफर 17 मिनट में तय होने लगा है. नक्सलियों की जनसभा की जगह अब महिला गोष्ठी अौर क्रांतिकारी गीत की जगह रोपा के गीत गूंजने लगे हैं. बच्चों के चेहरे पर दहशत नहीं, खुशी है....
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