भारत के तीन ही राज्य हैं, जहां मेरा आज तक जाना नहीं हुआ। नगालैंड इनमें से एक है। अगली फरवरी में एक सामाजिक कार्यकर्ता नटवर ठक्कर के निमंत्रण पर वहां जाने का कार्यक्रम बना था, जिनके साथ पत्राचार तो काफी रहा, लेकिन मुलाकात कभी नहीं हुई। 1932 में पश्चिमी भारत में जन्मे नटवर भाई प्रख्यात गांधीवादी और देशभक्त काका साहब कालेलकर के संपर्क में आए और युवावस्था में ही अपना...
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ऐसा कर्ज तो किसान को डुबोएगा ही-- सोमपाल शास्त्री
शुक्रवार को अपनी मांगों के साथ देश भर के किसान एक बार फिर दिल्ली की सड़कें नापते रहे। बीते कुछ महीनों में यह तीसरा मौका था, जब वे अपनी खेती-किसानी छोड़कर अपने हक के लिए देश की राजधानी में थे। कर्ज माफी और फसलों के उचित दाम के अलावा उनकी एक प्रमुख मांग किसानों के मसले पर संसद का विशेष सत्र बुलाना भी है। इसके लिए उन्होंने देश की सबसे...
More »धन के पर्व पर निवेश की बात- आलोक पुराणिक
सेंसेक्स, यानी मुंबई शेयर बाजार का संवेदनशील सूचकांक, जिसमें देश की शीर्ष तीस कंपनियों के शेयरों के भावों का अंदाज मिलता है। अगर किसी ने करीब एक साल पहले के मुंबई शेयर बाजार के सूचकांक में पैसे लगाए हों, तो वह करीब तीन प्रतिशत के रिटर्न पर बैठा है। यह रिटर्न बहुत ही खराब माना जाएगा। हाल के कुछ महीने शेयर बाजार के लिए बहुत खराब बीते हैं, क्योंकि...
More »मी टू अभियान: यौन हिंसा की पीड़ित महिलाएं इतनी देर चुप क्यों रहीं, पढ़िए इस न्यूज एलर्ट में
क्या आप भारत में किसी आंधी की तरह दस्तक दे चुके मी टू अभियान की ‘आपबीतियों' को गौर से पढ़ रहे हैं ? और, क्या आपको भी यह सवाल परेशान कर रहा है कि यौन-दुर्व्यवहार की ‘आपबीती' सुनाने में में इस अभियान की पीड़ित महिलाओं ने इतनी देर क्यों की? मी टू अभियान को लेकर आपके ऐसे कई सवालों का संभावित जवाब एक सरकारी दस्तावेज में दर्ज है. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 (एनएफएचएस-4) के तथ्य संकेत करते...
More »हाशिमपुरा- इकतीस साल बाद-- विभूति नारायण राय
बुधवार को जब उच्च न्यायालय ने हाशिमपुरा नरसंहार के सभी आरोपियों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई, तो 31 साल पुरानी इस दुखद घटना के सारे दृश्य एक के बाद एक मेरी आंखों के सामने से गुजरने लगे। कुछ अनुभव ऐसे होते हैं, जो जिंदगी भर आपका पीछा नहीं छोड़ते। दु:स्वप्न की तरह वे हमेशा आपके साथ चलते हैं। कई बार तो कर्ज की तरह आपके सीने पर सवार रहते...
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