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घर बैठे 40 रु. में बनेगा मूल निवास प्रमाण-पत्र

जयपुर. आम आदमी को अब मूल निवास प्रमाण-पत्र बनाने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। तहसील स्तर पर कॉमन सर्विस सेंटरों सीएसएस व ई-मित्र कियोस्कों पर 40 रु. शुल्क देकर डिजिटल हस्ताक्षर वाला मूल निवास प्रमाण-पत्र ले सकेंगे। गृह विभाग ने ई मित्र कियोस्कों और सीएसएस के लिए फीस व अन्य गड़बड़ियों पर 2000 रु. जुर्माना करने और मान्यता रद्द करने का आदेश जारी किया है। साथ ही...

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पदयात्रा, पंचायत और पैंतरेबाजी- (रिपोर्ट अतुल चौरसिया, तहलका)

कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की हालिया पदयात्रा का एक मकसद साफ है, यह किसानों के हितों से ज्यादा चुनावी हितों को समर्पित थी. लेकिन राजनीति के ऐसे दौर में जब नेता गाड़ियों-बंगलों के बाहर झांकना ही नहीं चाहते, क्या उनकी यात्रा को सिर्फ अवसरवादी कहकर नकार दिया जाए? अतुल चौरसिया की रिपोर्ट पदयात्राएं और रथयात्राएं बहुत उत्पादक होती हैं. चुनावी शुभ-लाभ के लिहाज से. अतीत इसका दस्तावेज है. जिन लोगों ने...

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क्या हो विकास की सही परिभाषा- भारत डोगरा

सामान्य रूप से बाहरी चमक-दमक को देखकर कह दिया जाता है कि यह क्षेत्र विकास कर रहा है। मान लीजिए किसी महानगर में बहुत सी झुग्गी-झोपडि़यों बनी हैं और महानगर में कार्य करने वाले गरीब मजदूरों को इन सस्ते आवासों में आश्रय मिला हुआ है, क्योंकि इससे महंगी जगह में रहने के लिए पैसा उनके पास नहीं है। एक दिन उनकी झोपडि़यां तोड़ दी जाती हैं। इस स्थान पर एक...

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राशन पर सरकारी डाका -- प्रशांत कुमार दुबे

सरकार अब राशन में खाद्यान्न की जगह नकद भुगतान करने जा रही है. इसका पायलट फेज दिल्ली की दो बस्तियों में प्रारंभ भी कर दिया गया है. सरकार के इस कदम के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता को भी समाप्त करने की कोशिश कर रही है. हालांकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमजोर करने की साजिश तो वर्ष 1991 के बाद से ही शुरु हो...

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बीड़ी पत्ते में धुआं-धुआं ज़िंदगी -- सारदा लहांगीर

“छो...छोको भूंजी लोक पतर तुड़ले लागसी भोक....” ( हम लोग गरीब भुंजिया आदिवासी, पत्ता तोड़ते हुए भूख लगती है ) नुआपाडा जिले के सीनापाली गांव में रहने वाली 55 वर्षीय पहनी मांझी को जंगल में तेदूपत्ता तोड़ते हुए जब भूख लगती है तो वो अपना ध्यान बंटाने के लिए यहीं उड़ीया लोकगीत गुनगुनाती हैं. तेंदूपत्ता अप्रैल और मई महीने की चिलचिलाती धूप में जब हम अपने वातानुकुलित कमरे में बैठे आराम फरमा...

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