जनसत्ता 2 नवंबर, 2012: नवउदारवाद के लगभग चौथाई सदी के अनुभवों के बाद मुख्यधारा के राजनीतिक अर्थशास्त्र को बुद्ध के अभिनिष्क्रमण के ठीक पहले ‘दुख है’ के अभिज्ञान की तरह अब यह पता चला है कि दुनिया में ‘गैर-बराबरी है’, और इससे निपटे बिना मुक्ति, यानी आर्थिक-संकटों की लहरों में डूबने से बचने का रास्ता नहीं है। ‘द इकोनॉमिस्ट’ पत्रिका के ताजा अंक (13-19 अक्तूबर) में विश्व अर्थव्यवस्था के बारे में उन्नीस...
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कृषि ग्रामीण विकास बैंकों का अपैक्स बैंक में होगा विलय- जॉन राजेश पॉल
रायपुर . आर्थिक रूप से खोखले हो चुके प्रदेश के 86 छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी कृषि ग्रामीण विकास बैंकों (सीजी एलडीबी बैंक) का अपैक्स बैंक में विलय होगा। सहकारिता मंत्री ननकीराम कंवर की मंजूरी के बाद इसका प्रस्ताव रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआई) को भेज दिया गया है। आंध्रप्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ देश में ऐसा दूसरा राज्य...
More »लाभार्थियों को सीधे दी जाएगी खाद्य सबसिडी
नई दिल्ली । राशन की दुकानों के जरिए बेचे जाने वाले खाद्यान्न के किसी और जगह स्थानांतरित होने से रोकने के प्रयास के तहत केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि वह जल्द ही केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य सब्सिडी सीधे लाभार्थियों को देने की प्रायोगिक परियोजना शुरू करेगी। खाद्य मंत्री केवी थॉमस ने यहां राज्यों के खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा...
More »ऐसे हो सकता है देश की जीडीपी में 27 फीसद का इजाफा !
दुनिया में 86 करोड़ 50 लाख महिलाएं अर्थव्यवस्था में योगदान के बावजूद बिना कमाई के जीवन गुजारने को बाध्य हैं। इस तादाद का 94 फीसद विकासशील देशों में है जबकि 6 फीसद विकसित देशों में। साल 2020 तक अर्थव्यवस्था से बाहर जीवन बिताने वाली महिलाओं की तादाद तकरीबन 1 अरब यानी भारत या फिर चीन की कुल आबादी के बराबर हो जाएगी। क्या अर्थव्यवस्था से बाहर जीवन बिताने को बाध्य महिलाओं की यह तादाद आर्थिक...
More »पेशेवर दक्षता बनाम संघर्ष- अनिल चमड़िया
जनसत्ता 17 अक्टुबर, 2012: भूमंडलीकरण का दौर शुरू होने के बाद, कई दूसरे कामों में लगे लोगों का राजनीति में वर्चस्व बढ़ा है। राजनीति में पहले किसी राजनीतिक संगठन का कार्यकर्ता होने की शर्त होती थी। अलबत्ता कुछेक दूसरे पेशों के लोग भी राजनीति में अपना प्रभाव रखते थे। इनमें खासकर वकील होते थे। लेकिन उनकी राजनीतिक सक्रियता कार्यकर्ताओं और राजनीतिक संस्कृति के दबाव में रहती थी। राजनीतिक संस्कृति से तात्पर्य उस...
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