1. झारखंड की स्थापना का एक दशक पूरा हुआ। झारखंड के बारे में आपका मूल्यांकन क्या कहता है ? झारखंड की जनता ने अलग राज्य बनाने के लिए जब लडाई ठानी तो आस यह लगी थी कि राज्य बना तो उन्हें अपनी जिन्दगी संवारने के बेहतर मौके मिलेंगे।झारखंड की जनता के लिए यह एक तरह से मुक्ति-यज्ञ था।लेकिन हुआ इसके उलट, झारखंड की स्थापना से ताकत उन्हीं की बढ़ी जिनसे जनता...
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प्रदेश में 32 हजार 980 लोग बेघर
रोहतक. प्रदेश में 30 हजार से अधिक परिवार ऐसे है, जिनके पास सिर ढकने के लिए छत नहीं है। सरकार ने ऐसे लोगों की सूची तैयार कर गुलाबी कार्ड बनाने का निर्णय लिया हैं ताकि उनको सस्ते दाम पर अनाज वितरित किया जाए। रोहतक में सबसे कम तथा पानीपत में सबसे अधिक परिवार बेघर की सूची में शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जब से केंद्र सरकार को निर्देश जारी किए है...
More »मुफ़्त शिविर में ठगी गई आँखें'
मध्य प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य मंडला ज़िले में एक चैरिटेबल अस्पताल में आंख के ऑपरेशन के बाद एक साथ 29 लोगों की आंखें ख़राब होने का मामला सामने आया है. इनमें से 25 लोगों को बाद में नक़ली आंखें लगाई गई. योगीराज चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित इस अस्पताल में इसी साल 11 सितंबर को दूरदराज के गांवों से लाए गए 30 लोगों के मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए गए थे. ये सारे ही ऑपरेशन...
More »मनरेगा- कहीं नरम , कहीं गरम
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा) के बारे में ज्यादातर खबरें या तो उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार की होती हैं या फिर योजना की कारआमली में हो रही ढिलाई की। सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा पर कुल 40 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं लेकिन शहराती मध्यवर्ग का एक बड़ा तबका और जनमत-निर्माता इसी पसोपेस में हैं कि आखिर इन रुपयों से कुछ सार्थक हो भी रहा है या नहीं। नुक्ताचीनी की बातों...
More »बच्चों की कब्रगाह है मेलघाट-शिरीष खरे
विदर्भ को देश भर में किसानों की आत्महत्या वाले इलाके के रुप में जाना जाता है लेकिन इसी इलाके में सतपुड़ा पर्वत में बसी मेलघाट की पहाड़ियों में छोटे बच्चों की मौत के आंकड़े पहाड़ियों से ऊंचे होते चले जा रहे हैं. साल दर साल कोरकू आदिवासियों के हजारों बच्चे असमय काल के गाल में समाते चले जा रहे हैं. कुपोषण मेलघाट में 1993 को पहली बार कुपोषण से बच्चों के मरने...
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