सरकार ने 31 दिसंबर 2014 को भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनरुद्धार संशोधन कानून, 2013 में उचित मुआवजे के अधिकार और पारदर्शिता के कुछ प्रावधानों में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया। आखिरकार इस कानून में संशोधन की क्या जरूरत पड़ी और इन संशोधनों के क्या मायने हैं? इस बात का बार-बार उल्लेख होता रहा है कि भूमि अधिग्रहण कानून, 1894 पुराना पड़ चुका है और इसमें संशोधन की जरूरत है। 1894...
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झारखंडः अंडे खाकर बीमार हो गए 100 बच्चे
झारखंड के कोडरमा जिले के एक स्कूल में मिड डे मील खाने से एक साथ सौ बच्चे बीमार हो गए हैं। कोडरमा के एसडीओ प्रभात कुमार बरदियार ने इस घटना की पुष्टि की है। एसडीओ के मुताबिक बच्चों को खाने में उबले अंडे भी दिए गए थे और उन्हीं के कारण शायद बच्चे बीमार पड़े हैं। उनके मुताबिक एक साथ सौ बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद इलाज के लिए उन्हें...
More »कितना काला है काला धन?- प्रीतीश नंदी
आखिरकार कोई तो बुद्धिमानी से बोला। अब तक तो हमने काले धन को लेकर हर किसी को आक्रोश व्यक्त करते हुए ही देखा, लेकिन किसी ने व्यावहारिक समाधान नहीं सुझाया। बोफोर्स घोटाले से इसकी शुरुआत हुई थी और उसके कारण राजीव सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। फिर तो हर किसी को यह समझ में आ गया कि काला धन राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की प्रतिष्ठा को खत्म करने का एकदम...
More »नाबार्ड सिंचाई सुविधाओं में सुधार के लिए देगा 30 हजार करोड़ के लोन
मुंबई। सार्वजनिक क्षेत्र के राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने अगले 3 वर्षों के दौरान किसानों को सिंचाई सुविधाओं में सुधार के लिए 30 हजार करोड़ रुपए का लोन देने का लक्ष्य रखा है। नाबार्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि कृषि व ग्रामीण क्षेत्र पर ध्यान देने वाली संस्था इस साल अब तक 1,000 करोड़ रुपए के लोन की मंजूरी पहले ही दे चुकी...
More »कहां है सुधारों की अगली खेप-- रामचंद्र गुहा
सन 2009 के आम चुनाव के ठीक बाद मैंने बेंगलुरु में एक भाषण सुना, जो नई सरकार के लिए नीतियों के नए रोडमैप पर था। वक्ता थे राकेश मोहन, जो उद्योग व वित्त मंत्रालय में वरिष्ठ पदों पर रह चुके थे और उस वक्त रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर थे। राकेश मोहन का कहना था कि आर्थिक सुधारों की पहली लहर ने व्यापार को सरकारी नियंत्रण से बाहर निकाला और...
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