फरीदाबाद. जमीन अधिग्रहण के उचित मुआवजे की मांग को लेकर चंदावली गांव में रविवार को हुई महापंचायत में किसानों ने अधिग्रहित जमीन पर कब्जा नहीं देंगे और दोबारा खेतों पर जुताई शुरू कर फसल पैदा करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा 27 अक्टूबर को एकजुट होकर दिल्ली कूच करने का भी निर्णय लिया। दिल्ली में वे जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान खेतों में जुताई का शुभारंभ किसान नेता...
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हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि खतरे में
इंदौर. आवास पर्यावरण विभाग की प्रस्तावित स्पेशल टाउनशिप पॉलिसी पर अमल हुआ तो इंदौर जिले की 32 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि खतरे में पड़ जाएगी। खास बात यह है कि इसमें 27 हजार हेक्टयर जमीन अत्यधिक उपजाऊ है। जमीनों पर गिद्ध की तरह नजर रखने वाले भू-माफिया को इससे न केवल खुला क्षेत्र मिल जाएगा बल्कि जिले में खेती पूरी तरह चौपट हो जाएगी। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के लिए जो विकास...
More »कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां
नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...
More »किसानों की आत्महत्याः एक 12 साल लंबी दारूण कथा
कुछ लोगों के लिए किसानी मुनाफे का धंधा हो सकती है, लेकिन देश की बहुसंख्यक आबादी के लिए यह घाटे का सौदा बना दी गई है. न सिर्फ घाटे का सौदा, बल्कि मौत का सौदा भी. और यह सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि खेती से महज कुछ लोगों का मुनाफा सुनिश्चित रहे. यही वजह है कि खेतिहरों के कर्जे की माफी का फायदा भी आम खेतिहरों को नहीं मिला बल्कि बड़े किसानों को...
More »जनजीवन पर बुरा असर डाल रहा क्रशर
डोमचांच (कोडरमा)। भीषण वायु प्रदूषण के संकट से जूझ रहे हैं डोमचांचवासी। स्टोन चिप्स के धूल के कारण डोमचांच एवं इसके आसपास क्षेत्र के पेड़-पौधे व जंगलों का भीषण विनाश हो रहा है तथा लोग श्वांस और टीबी संबंधी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। वायु प्रदूषण का मुख्य कारण यहां पर नीरू पहाड़ी से लेकर पुरनाडीह तक दस किमी क्षेत्र में फैले सैकड़ों क्रशर मिलों से उड़ने वाला धूलकण है। सड़क के किनारे दोनों...
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