लंबे इंतज़ार के बाद मंगलवार को देश की सर्वोच्च अदालत में तीन नए जजों की एंट्री हो गई. जस्टिस केएम जोसेफ, जस्टिस विनीत शरण और जस्टिस इंदिरा बनर्जी अब सुप्रीम कोर्ट का हिस्सा हैं. जजों की नियुक्ति के दौरान लगभग लंबे समय तक जस्टिस केएम जोसेफ की नियुक्ति का मामला सुर्खियों में बना रहा लेकिन इनके बीच एक नाम और है जो भारतीय न्यायव्यवस्था के इतिहास में दर्ज हो गया. यह...
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यह दाग अच्छा नहीं है-- आशुतोष चतुर्वेदी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर में बालिका गृह में दुष्कर्म मामले में सीबीआइ जांच का उचित फैसला किया है, जिसे सराहा जाना चाहिए. इससे उनकी मंशा स्पष्ट होती है कि वह इस मामले में कुछ दबाना-छुपाना नहीं चाहते, जबकि बिहार पुलिस के बयानों से ऐसा लग रहा था कि वह सीबीआइ जांच के पक्ष में नहीं थी. कुछ दिन पहले ही बिहार के पुलिस...
More »आक्रोश जरूरी है पर भीड़ की हिंसा शर्मनाक- कैलाश सत्यार्थी
देश में बच्चा चोरी के नाम पर मॉब लिंचिंग यानी उन्मादी भीड़ द्वारा निर्दोषों की हत्याएं लगातार बढ़ रही हैं। पिछले करीब डेढ़ महीने में त्रिपुरा, असम, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में ऐसी 20 हत्याएं हो चुकी हैं। सिर्फ हत्यारी भीड़ को ही नहीं, बल्कि इलाके के आम लोगों को शक था कि बच्चा चोर किडनियां बेचने, वेश्यावृत्ति कराने और शहरों में भीख मंगवाने के लिए...
More »बच्चे पास हो गए, नीति फेल हो गई-- हरिवंश चतुर्वेदी
अब फिर से पांचवीं और आठवीं कक्षाओं में फेल होने वाले बच्चों को रोका जा सकेगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2010 का यह मुख्य प्रावधान था कि आठवीं कक्षा तक बच्चों को फेल नहीं किया जाएगा। लोकसभा ने इसके लिए अधिनियम में संशोधन कर दिया है। मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना था कि बच्चों को फेल न करने की नीति से स्कूली शिक्षा व्यवस्था चरमरा रही थी और...
More »कर्नाटक के विनाश की नई राह-- रामचंद्र गुहा
यह 1989 की बात है जब मैं शिवराम कारंथ से उनके दक्षिण कर्नाटक स्थित गांव सालिग्राम में मिला था। आधुनिक कन्नड़ उपन्यास के जनक, यक्षगान जैसे प्राचीन नृत्य नाटक का पुनर्पाठ प्रस्तुत करने वाले, विधवा विवाह और स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देने वाले शिवराम कारंथ उन दिनों अपने प्यारे पश्चिमी घाटों को विनाश से बचाने की मुहिम में जुटे थे। 80 साल की उम्र में भी वे खासे सक्रिय रहकर...
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