गंगा की सफाई के प्रयास राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल यानी पिछले करीब 30 वर्षों से चल रहे हैं। तब गंगा ऐक्शन प्लान-1 और 2 के अधीन यह काम हुआ था। 2014 में नई सरकार आने के बाद ‘नमामि गंगे' नाम से 20,000 करोड़ रुपयों की लागत वाली एक महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया। यह राशि 2015 से 2020 के बीच खर्च किए जाने की...
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शब्दों के खेल में उलझी गंगा-- दुनू रॉय
नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल (एनजीटी) ने अपने एक आदेश में कहा है कि गंगा नदी के सौ मीटर के दायरे में कोई निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए. एनजीटी ने अपने आदेश में उत्तराखंड के हरिद्वार से लेकर उत्तर प्रदेश के उन्नाव के बीच गंगा नदी के किनारे से सौ मीटर तक के तटीय क्षेत्र को ‘नो डेवलपमेंट जोन' भी घोषित किया है. साथ ही यह भी कहा है कि गंगा के...
More »किसानी का तीर्थ बनता तिउसा गांव --- बाबा मायाराम
महाराष्ट्र का एक गांव है तिउसा। यवतमाल से सोलह किलोमीटर दूर। यह गांव किसानों के लिए तीर्थ बन गया है। तीर्थ जहां कुछ अच्छाई है, किसान जहां अपना भविष्य देख रहे हैं। यहां बड़ी संख्या में किसान आ रहे हैं। खेती-किसानी की बारीकियां सीख रहे हैं। यहां के प्रयोगधर्मी किसान सुभाष शर्मा कई मायने में अनूठी खेती कर रहे हैं, जिसे वे सजीव खेती कहते हैं। हाल ही मैं अपने कुछ...
More »वायु प्रदूषण से कमजोर हो रहे हैं लोगों के दिल, हर साल होती हैं 55 लाख मौतें
मल्टीमीडिया डेस्क। प्रदूषित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के दिल उन लोगों की तुलना में कमजोर हैं, जो नियमित रूप से स्वच्छ हवा में सांस लेते हैं। यह जानकारी एक नए अध्ययन में सामने आई है, जिसमें कहा गया है कि यह सबूत है कि जीवाश्म ईंधन लोगों की जान ले रहा है। शोधकर्ताओं ने कहा कि जब डीजल वाहनों से जुड़े प्रदूषण का स्तर यूरोपीय संघ द्वारा निर्धारित सेफ्टी...
More »हमारी धरती दिनो-दिन होती जा रही है बीमार-- डा. मेहता नागेन्द्र सिंह
हमारी धरती खुद बीमार चल रही है. यह बीमारी हर दिन गहराती जा रही है. इसकी कई वजहें हैं. ओजोन परत में छेद, आम्लिक वर्षा और आपदाएं भी घी में आग जैसा काम करती हैं. इन सभी कारणों के मूल में सबसे भयावह वैचारिक प्रदूषण है जो आदमी और धरती, खासकर प्रकृति व पर्यावरण के बीच स्थापित संबंधों में विकृति व कटुता पैदा करने में पीछे नहीं है. वस्तुत:...
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