राजनीति का सामान्य विद्यार्थी जानता है कि अधिकार अपने स्वभाव में सार्विक होते हैं। लेकिन क्या वह यह अनुमान लगा सकता है कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई कोई सरकार अपने बहुमत के बूते किसी सार्विक अधिकार का दायरा चंद लोगों तक सीमित कर सकती है ? महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में फेरबदल की केंद्र सरकार की हालिया योजना जीविका के सार्विक अधिकार का दायरा सीमित करने की...
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केंद्र मनरेगा की राशि देने में कर रहा आनाकानी
रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो। पैसे की कमी के कारण जिलों में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को भुगतान नहीं हो पा रहा है। केंद्र सरकार से राज्य को मनरेगा मद में 1500 करोड़ रुपये चाहिए। केंद्र यह राशि समय पर उपलब्ध नहीं करा रहा है। राज्य सरकार ने केंद्र से मनरेगा की बाकी बची राशि जारी करने का आग्रह किया है। केंद्र सरकार ने मई माह तक 276 करोड़ रुपये...
More »बिहार में इंसेफलाइटिस का कहर, अब तक लगभग 150 बच्चों की मौत
मुजफ्फरपुर: एइएस से नौ और मासूमों की जान चली गयी, जबकि 19 पीड़ितों को एसकेएमसीएच व केजरीवाल में इलाज के लिए भरती कराया गया. मंगलवार से मौसम में आये बदलाव को देखते हुए माना जा रहा था कि बीमारी में कमी आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ. एसकेएमसीएच में मौत का सिलसिला जारी रहा. एसकेएमसीएच व केजरीवाल अस्पताल में भरती होने वाले नये मरीजों की संख्या में पिछले दिनों की अपेक्षा कुछ कमी आयी है....
More »'लिकेज रोकने में पंचायतों की हो सकती है अहम भूमिका' - डा. हरिश्वर दयाल
अर्थशास्त्री व श्रमिक अर्थव्यवस्था के जानकार डॉ हरिश्वर दयाल गांव के लिये शुरू किये गये कार्यक्रमों-योजनाओं के समुचित लाभ नहीं मिलने के लिए लिकेज को जिम्मेवार मानते हैं. उनका मानना है कि इसे दुरुस्त कर इसके लाभ को और प्रभावशाली बना सकते हैं. नौकरशाही की अस्थिरता को भी विकास के लिए नुकसानदायक मानते हैं. वे मानते हैं कि सामाजिक योजनाओं ने गांव के लोगों को आवाज दी है और जिसकी...
More »'लिकेज रोकने में पंचायतों की हो सकती है अहम भूमिका' - डा. हरिश्वर दयाल
अर्थशास्त्री व श्रमिक अर्थव्यवस्था के जानकार डॉ हरिश्वर दयाल गांव के लिये शुरू किये गये कार्यक्रमों-योजनाओं के समुचित लाभ नहीं मिलने के लिए लिकेज को जिम्मेवार मानते हैं. उनका मानना है कि इसे दुरुस्त कर इसके लाभ को और प्रभावशाली बना सकते हैं. नौकरशाही की अस्थिरता को भी विकास के लिए नुकसानदायक मानते हैं. वे मानते हैं कि सामाजिक योजनाओं ने गांव के लोगों को आवाज दी है और जिसकी आवाज जितनी तेज होगी, उसे उतना पहले हक...
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