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ये हैं देश की सूरत बदलने वाली मोदी सरकार की बड़ी योजनाएं

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 26 मई 2014 सत्ता संभालने के साथ ही केंद्र सरकार ने आम भारतीयों की जिंदगी में सुधार के लिए अनेकों फैसले किए। केंद्र सरकार अपनी योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए जहां सोशल मीडिया का सहारा ले रही है। वहीं पार्टी की तरफ से सरकार की कामयाबी को बताने के लिए देशभर में 200 कार्यक्रमों को आयोजित करने का फैसला किया है।...

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कन्हैया नहीं, जॉब की कमी खतरा-- गुरुचरण दास

भारतीय राजनीतिक जीवन अजीब और विडंबनाअों से भरा है। छात्र नेता कन्हैया कुमार को राजद्रोह और राष्ट्र-विरोधी आचरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी ने उन्हें हीरो बना दिया। इसे असहमति व्यक्त करने की स्वतंत्रता का प्रतीक माना गया। गृह मंत्री ने गिरफ्तारी का यह गलत तर्क देकर बचाव किया कि असाधारण लोकतांत्रिक देश अमेरिका भी राष्ट्र विरोध को सहन नहीं करता। गिरफ्तारी पर लगातार विरोध ने मीडिया का...

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मनरेगा : देश के एक तिहाई जिलों में ही सामाजिक अंकेक्षण

चालू वित्तवर्ष में अब चंद दिन बाकी हैं लेकिन देश के केवल एक तिहाई जिलों में ही मनरेगा के कामकाज का सामाजिक अंकेक्षण हो सका है.   मनरेगा संबंधी सूचनाओं की वेबसाइट के एमआईएस(मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम) के आंकड़ों के विश्लेषण से इस तथ्य का खुलासा होता है कि वित्तवर्ष 2015-16 में 26 मार्च तक देश के केवल एक तिहाई जिलों में ही सामाजिक अंकेक्षण का काम हुआ है.   एमआईएस के आंकड़ों के मुताबिक मनरेगा...

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श्री श्री रविशंकर का आयोजन : एनजीटी ने केंद्र से पूछा पर्यावरण मंजूरी जरूरी क्यों नहीं?

नयी दिल्ली : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने मंगलवार को आर्ट ऑफ लिविंग के वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल के आयोजन के लिए हुई लंबी सुनवाई के बाद इसे अगले दिन यानी मंगलवार की सुनवाई तक के लिए टाल दिया. एनजीटी ने मामले की सुनवाई करते हुए आज केंद्र से पूछा कि इस आयोजन के लिए पर्यावरण मंजूरी की जरूरत क्यों नहीं है?आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर की संस्था आर्ट आॅफ लिविंग...

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'नेट न्यूट्रैलिटी' है जरूरी, इंटरनेट पर क्यों हो किसी का एकाधिकार?

भारत में इंटरनेट का उपयोग करनेवालों की संख्या पिछले साल ही 35.4 करोड़ से अधिक हो चुकी थी. इसमें करीब 60 फीसदी इसका इस्तेमाल मोबाइल फोन पर करते हैं. यह संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन, इंटरनेट तक सभी लोगों की पहुंच समान रूप से रहे या किसी कंपनी को अलग-अलग वेबसाइट्स के लिए अलग-अलग दरें और स्पीड तय करने का एकाधिकार मिले, इस पर इन दिनों जोरदार बहस...

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