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दाफ़्ने कैरूआना गज़ालिया की मौत के मायने-- सदफ नाज

दक्षिण यूरोप के द्वीपीय देश माल्टा की खोजी पत्रकार दाफ़्ने कैरूआना गज़ालिया, जिन्होंने अपने देश माल्टा में पनामा पेपर्स से जुड़े घोटाले को उजागर किया था, उनकी कार बम विस्फोट में मौत हो गयी है. उन्होंने जो सच सामने लाया उसकी चपेट में वहां के प्रधानमंत्री की पत्नी, चीफ अॅाफ स्टॉफ और तत्कालीन ऊर्जा मंत्री आ गये थे. पत्रकार की हत्या को एक राजैनितक हत्या माना जा रहा है. दाफ़्ने...

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जयप्रकाश नारायण : हमेशा प्रासंगिक रहेंगे लोकनायक के आदर्श

जन्म तिथि : 11 अक्तूबर,1902 जन्म स्थान : सिताबदियारा, यूपी मृत्यु : 8 अक्टूबर, 1979 स्थान : पटना, बिहार पिता : देवकी बाबू माता : फूलरानी देवी पत्नी : प्रभावती देवी शिक्षा : एम. ए (समाजशास्त्र) कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (साल 1922 से 1929 के बीच), बर्कले, विसकांसिन विश्वविद्यालय जेल यात्रा : 7 मार्च, 1940 को ब्रिटिश पुलिस ने उन्हें हजारी बाग जेल में डाल दिया, वे लाहौर की काल कोठरी और आगरा सेंट्रल जेल में भी कैद रहे. ...

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संस्थाओं को सुदृढ़ करने का वक्त - डॉ. भरत झुनझुनवाला

अर्थशास्त्रियों में इस बात को लेकर सहमति बन रही है कि आर्थिक विकास की असल कंुजी देश की संस्थाओं में निहित है। सस्ते श्रम से आर्थिक विकास हासिल होना जरूरी नहीं है। जापान में श्रम महंगा है, फिर भी आर्थिक विकास में वह देश आगे है। आवश्यक नहीं कि प्राकृतिक संसाधनों जैसे कोयले अथवा तेल के जरिए भी विकास हासिल हो ही जाए। सिंगापुर में प्राकृतिक संसाधन शून्यप्राय हैं, फिर...

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कारोबारी रैंकिंग में भारत एक पायदान फिसलकर 40वें पर

नई दिल्ली। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) के ग्लोबल कंपटीटिवनेस इंडेक्स में भारत की रैंकिंग एक पायदान गिरकर 40वीं है। सबसे प्रतिस्पर्धी देशों की इस सूची में शीर्ष पर स्विट्जरलैंड है। डब्ल्यूईएफ की 137 देशों की सूची में अमेरिका दूसरे और सिंगापुर तीसरे स्थान पर रहा। इस सूची में भारत 39वें स्थान से एक पायदान खिसककर 40वें पर पहुंच गया। इस सूची में चीन की रैंकिंग 27वीं रही। रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो...

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हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी सालभर से खाली हैं शीर्ष संवैधानिक संस्थाएं

धनंजय प्रताप सिंह, भोपाल। प्रदेश की कई संवैधानिक संस्थाएं लंबे समय से प्रभारियों के भरोसे चल रही हैं। हाईकोर्ट ने भी कई बार सरकार को लोकायुक्त संगठन और मानवाधिकार आयोग जैसी संस्थाओं में पूर्णकालिक मुखिया की नियुक्ति करने के निर्देश दिए, लेकिन सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। प्रदेश का शीर्ष संवैधानिक राज्यपाल का पद भी बीते एक साल से खाली है। लोकायुक्त का पद खाली सरकार का दावा...

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