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क्या रूबल की खराब सेहत पूरी दुनिया का मूड बिगाड़ेगी?

दुनिया की कई अर्थव्यवस्थाओं की सेहत अच्छी नजर नहीं आ रही है। सबसे ज्यादा नाजुक स्थिति रूस की है, जहां कि मुद्रा रूबल में भारी गिरावट हो रही है। इससे वहां के नागरिकों के साथ ही कई देशों की धड़कने बढ़ गई हैं। संकट जारी रहा तो मंदी का भारी दौर देखना पड़ सकता है। अमेरिका में फेडरल रिजर्व की अध्यक्ष जेनट येलने का कहना है कि रूस में जारी संकट...

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GDP ग्रोथ रेट 5.5 फीसदी रहने का अनुमान, नि‍वेश की रफ्तार अब भी सुस्‍त

नई दि‍ल्‍ली। केंद्र सरकार ने संसद में अर्थव्‍यवस्‍था की छमाही समीक्षा जारी करते हुए कहा है कि‍ वि‍त्‍त वर्ष 2014-15 में देश की सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) की ग्रोथ का अनुमान 5.5 फीसदी रखा है। जारी समीक्षा के मुताबि‍क, अब भी देश में नि‍वेश की गति‍ तेज नहीं है। ऐसे में जीडीपी की ग्रोथ 5.5 फीसदी रह सकती है। हालांकि‍, सरकार ने यह भी कहा कि‍ वि‍त्‍त वर्ष 2014-15 में...

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काली कमाई : 'वहां' से ज्यादा 'यहां' - मोहन गुरुस्‍वामी

नई दुनिया(अग्रलेख) काले धन की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने सर्वोच्च अदालत को यह महत्वपूर्ण जानकारी दी कि भारतीयों का स्विस बैंकों में जहां 4,479 करोड़ रुपए का काला धन जमा है, वहीं अपने देश में ही 14,958 करोड़ काला धन है! यह जानकारी निश्चित ही चौंकाने वाली है, लेकिन इसके बावजूद इसे अप्रत्याशित नहीं कहा जा सकता। क्योंकि अर्थव्यवस्था की बारीकियों पर नजर रखने वालों को...

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मछली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनता झारखंड, खुद कर रहा 1.04 लाख टन मछली का उत्पादन

प्रभात खबर,रांची: जल की रानी मछली अब झारखंड के लोगों की जिंदगानी बन रही है. पालने, खाने-खिलाने व बेचने की पसंदीदा चीज. सरकारी आंकड़े के अनुसार राज्य के करीब 60-65 फीसदी लोग मछली या इसके उत्पाद का सेवन करते हैं. मछली का उत्पादन झारखंड में लगातार बढ़ रहा है. यह सरकार व मत्स्य किसानों के मिले-जुले प्रयास का परिणाम है. अभी मछली की घरेलू जरूरत प्रति वर्ष 1.40 लाख टन है,...

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मानव तस्करी: ट्रैफिकिंग की शिकार 26 लड़कियां पहुंचीं रांची रिश्तेदारों ने ही बेचा था

प्रभात खबर,रांची: ट्रैफिकिंग की शिकार झारखंड की 26 बालिकाओं को शुक्रवार को मुक्त करा कर रांची वापस लाया गया. भारतीय किसान संघ द्वारा दिल्ली में संचालित ट्रांजिट होम के सहयोग से इन बालिकाओं को गरीब रथ से रांची लाया गया. मुक्त करायी गयीं बच्चियां 12 से 17 आयु वर्ग की हैं. मुक्त करायी गयी बालिकाओं में से कांति कुमारी, विनीता कुमारी, मेरी कुमारी और जिलानी तथा सीता को कुल दो...

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