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बैंकों को संभालें तो सुधरेगी इकोनॉमी-- यशवंत सिंन्हा

भारत में बैंक खासतौर पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की हालत अच्छी नहीं है। इसका विस्तृत ब्योरा हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी ताज़ा वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में दिया है। इस रिपोर्ट के कुछ तथ्य हमें आगाह करते हैं। हमें मालूम है कि भारतीय व्यवस्था पिछले कुछ वर्षों से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है। चूंकि बैंक अर्थव्यवस्था में सहायक भूमिका निभाते हैं, इसलिए खराब होती अर्थव्यवस्था के...

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आबादी का दबाव बढ़ा रहा है रेगिस्तान-- पंकज चतुर्वेदी

एक तरफ परिवेश में कार्बन की मात्रा बढ़ रही है, तो दूसरी ओर ओजोन परत में हुए छेद का विस्तार हो रहा है। इससे उपजे पर्यावरणीय संकट का कुप्रभाव कई तरह से सामने आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम यानी यूनेप की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भर के करीब 100 देशों में उपजाऊ या हरियाली वाली जमीन रेत से ढक रही है और इसका असर लगभग एक...

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छत्तीसगढ़िया गेहूं की दो किस्में मचाएगी धूम

बिलासपुर। छत्‍तीसगढ़ के साथ ही अन्य राज्यों में ठाकुर छेदीलाल बैरिस्टर कृषि महाविद्यालय व अनुसंधान केंद्र में तैयार छत्तीसगढ़िया गेहूं की दो किस्में धूम मचाते दिखाई देंगी। वैज्ञानिकों का दावा है कि छत्तीसगढ़ 2 व 3 किस्म के गेहूं का उत्पादन अब प्रति हेक्टेयर 34 से 42 क्विंटल होगा। वर्ष 2010 में कृषि अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों ने रबी की प्रमुख फसल गेहूं की किस्म का इजाद किया था। वैज्ञानिकों...

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छोटी सी पहल ने बदली सौ गांवों की तकदीर

कभी पानी को तरसते थे, आज साल भर में तीन फसल उगा रहे किसान राजस्थान के सौ गांवों के खेतों में फसल नहीं उगायी जाती थी, क्योंकि वहां सिंचाई के माकूल साधन नहीं थे. सिंचाई के लिए पानी की बात तो दूर, ग्रामीणों को पेयजल भी मयस्सर नहीं था. मुंबई की एक महिला कार्यकर्ता द्वारा किये गये अथक प्रयास के बाद आज उन गांवों में न सिर्फ लोगों को पेयजल मिल...

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पानी के लिए मचेगा हाहाकार

जलवायु परिवर्तन का भारत में भी दिखने लगा प्रभाव पर्यावरण संरक्षण पर आयोजित सेमिनारों में लंबे-चौड़े भाषण देकर लोग अपने काम की इतिश्री कर लेते हैं. लेकिन, व्यावहारिक जीवन में अपनी ही कही बात पर अमल नहीं करते. इसी का नतीजा है कि प्राकृतिक संपदा और तीन प्रकार के मौसम चक्र से परिपूर्ण भारत भी जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से जूझ रहा है. वनों की अंधाधुंध कटाई, नदियों का विनाश, औद्योगिक...

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