बाघ बचाने के तमाम उपायों और कार्ययोजनाओं में से एक महत्वपूर्ण उपाय है राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों एवं संरक्षित वनों के बाहर के क्षेत्र का संरक्षण। दुर्भाग्य से देश भर में यह नहीं हो रहा है। यहां सीधे-सीधे बाघ के वजूद और आदमी के स्वार्थों का टकराव है। राजनेता, खनन माफिया और अन्य स्वार्थी-लोभी तत्व ऐसे उपायों का विरोध करते हैं। बाघ की सुरक्षा के लिए बफर क्षेत्र उपयोगी है इसलिए टाइगर रिजर्व...
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चिदंबरम ने कहा, गरीबों का खास ख्याल रखा जाए
रांची [जागरण ब्यूरो]। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि केंद्र सरकार झारखंड में उग्रवाद पर नियंत्रण व विकास के लिए हर संभव मदद को तैयार है। राज्य प्रशासन इस दिशा में प्रतिबद्ध होकर कार्य करे। चिदंबरम राजभवन में राज्य के आलाधिकारियों के साथ विकास योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारी हर हाल में वर्ष 2010-11 के लिए विभागीय कार्यो की प्राथमिकता 30...
More »तमतमाई सोनिया, 24 घंटे में बांटे इंदिरा आवास
रायबरेली, जागरण संवाददाता। मंगलवार को जहां सूर्य की प्रचंड गर्मी से मौसम तप रहा था, वहीं ग्रामीणों की एक के बाद एक शिकायतों को सुनकर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी का चेहरा और भी तमतमाता जा रहा था। छीछेमऊ गांव की चौपाल में उन्होंने अधिकारियों से दो टूक लहजे में कहा कि 24 घंटे के भीतर हरहाल में इंदिरा आवासों का आवंटन सुनिश्चित हो जाना चाहिए। छीछेमऊ गांव में सांसद सोनिया गांधी ने दलित उर्मिला...
More »अमीरी-गरीबी के बीच बढ़ता फासला
नई दिल्ली [निरंकार सिंह]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि 11वीं योजना के अंत तक नौ फीसदी और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 10 फीसदी विकास दर का लक्ष्य होना चाहिए। इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इसका फायदा समाज के हर वर्ग को मिले। इनकी सरकार लगातार समावेशी विकास के दावे कर रही है, लेकिन उसने विकास के उन तौर तरीकों को अपनाया है, जिससे समाज में विषमता बढ़ गई है। अमीरी और...
More »कोसी का कहर
कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
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