गोरखपुर [गिरीश पांडेय]। नैनो जैसा लखटकिया ट्रैक्टर? खेती-बारी से जुड़े तमाम लोगों के मन में यह सवाल उठता है। क्या लाख रुपये का ट्रैक्टर किसानों को मिल सकता है? मिलेगा तो कैसे? इसकी उपयोगिता और क्षमता क्या होगी? ट्रैक्टर निर्माताओं के डीलरों से मिल रहे फीड बैक के मुताबिक ऐसा संभव है। कुछ कंपनियां तो सस्ते ट्रैक्टर के निर्माण के क्षेत्र में पहल भी कर चुकी हैं। मसलन हाल ही...
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मांग के कंधे पर बैठी महंगाई
नई दिल्ली [अंशुमान तिवारी]। कदम रुके थे, पैर में बंधा पत्थर तो जस का तस था। महंगाई गई कहां थी? अर्थव्यवस्था मंदी से निढाल होकर बैठ गई थी इसलिए महंगाई का बोझ बिसर गया था। कदम फिर बढ़े हैं तो महंगाई टांग खींचने लगी है। मुद्रास्फीति का प्रेत नई ताकत जुटा कर लौट आया है। मंदी के छोटे से ब्रेक के बीच महंगाई और जिद्दी, जटिल व व्यापक हो...
More »जन को गन का भय
गया [कमल नयन]। देश की स्वतंत्रता को आमजनों की स्वतंत्रता 'न मानने वाले' नक्सली संगठनों ने चालू वर्ष में 'जन' को ज्यादा परेशान किया। यह परेशानी बंद के दौरान उनके समर्थन में नहीं बल्कि 'गन' के भय से होती है। खासकर सूबे के बंद के दौरान गया जिले का शेरघाटी अनुमंडल सर्वाधिक प्रभावित होता है। अगर इसे आर्थिक रूप से देखा जाए तो जिले का सबसे कमजोर इलाका बार-बार की...
More »किसानों की आत्महत्याः एक 12 साल लंबी दारूण कथा
कुछ लोगों के लिए किसानी मुनाफे का धंधा हो सकती है, लेकिन देश की बहुसंख्यक आबादी के लिए यह घाटे का सौदा बना दी गई है. न सिर्फ घाटे का सौदा, बल्कि मौत का सौदा भी. और यह सिर्फ इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि खेती से महज कुछ लोगों का मुनाफा सुनिश्चित रहे. यही वजह है कि खेतिहरों के कर्जे की माफी का फायदा भी आम खेतिहरों को नहीं मिला बल्कि बड़े किसानों को...
More »महंगाई पर अंकुश के लिए नीतियां बनाए आरबीआई
मुंबई। बढ़ते दामों पर चिंतित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारतीय रिजर्व बैंक [आरबीआई] से महंगाई पर नियंत्रण लगाने वाली नीतियां बनाने को कहा है। प्रधानमंत्री ने गुरुवार को केंद्रीय बैंक के प्लैटिनम जुबली समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आरबीआई की ये नीतियां ऐसी हों, जिससे नौ फीसदी से ऊंची विकास दर की राह भी आसान बने। प्रधानमंत्री ने रिजर्व बैंक को यह सलाह ऐसे समय दी है, जब वह जल्दी ही सालाना मौद्रिक...
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