चालू वित्त वर्ष का आर्थिक सर्वेक्षण बताता है कि आर्थिक मोर्चे पर सरकार इस बार काफी सतर्कता बरत रही है। खासकर वर्तमान के आकलन और भविष्य के लक्ष्य तय करने के मामले में। बड़ी-बड़ी उम्मीदें बांधने की बजाय उसने व्यावहारिक रवैया अपनाया है। मसलन, अगले वित्त वर्ष की विकास दर को ही लें। सरकार ने अनुमान लगाया है कि अगले साल जीडीपी की विकास दर सात से साढ़े सात फीसदी के...
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विनोद राय बैंक बोर्ड ब्यूरो के पहले चेयरमैन नियुक्त
नयी दिल्ली :पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) विनोद राय को बैंक बोर्ड ब्यूरो (बीबीबी) का पहला चेयरमैन नियुक्त किया गया है. यह ब्यूरो सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शीर्ष स्तर की नियुक्तियों पर सुझाव देगा और साथ ही अन्य मुद्दों के साथ साथ बैंकों के फंसे कर्ज की समस्या के निदान के बारे में भी सलाह देगा. आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व संयुक्त प्रबंध निदेशक एच एन सिनोर, बैंक...
More »सरकारी बैंकों को चाहिए ज्यादा पूंजीः मूडीज
नई दिल्ली। मूडीज इनवेस्टर सर्विस ने बुधवार को आगाह किया कि अगले हफ्ते पेश होने वाले 2016-17 के आम बजट में सरकारी बैंकों में पूंजी डाले जाने की मात्रा यदि नहीं बढ़ाई गई, तो उनकी रेटिंग पर दबाव बन सकता है। मूडीज के मुताबिक फंसे हुए कर्ज के लिए एकमुश्त प्रावधान में पूंजी स्तर बढ़ाने की जरूरत है। मूडीज के उपाध्यक्ष व वरिष्ठ क्रेडिट अधिकारी श्रीकांत वाडलामणि ने कहा, "जब तक...
More »बैंकों की बैलेंस शीट बदहाल क्यों? - धर्मेंद्रपाल सिंह
बैंक देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन दुर्भाग्य से आज वे बदहाल हैं। देश में लिस्टेड 39 में से 30 बैंकों की तीसरी तिमाही की जारी रिपोर्ट खतरनाक संकेत देती है। पता चलता है कि महज तीन महीनों में उनके नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) में 26 प्रतिशत इजाफा हो गया है। रिपोर्ट जारी करने वाले सोलह सार्वजनिक और चौदह निजी बैंकों की बैलेंस शीट एक दर्दभरी दास्तान बयान करती...
More »अर्थव्यवस्था की कमजोर कड़ी बने सरकारी बैंक
नई दिल्ली। केंद्र सरकार भले ही यह दावा कर रही हो कि भारत अभी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है और आंकड़ों में यह दावा सही भी है। लेकिन सरकारी बैंकों की माली हालत देख कर ऐसा नहीं लगता। जानकारों का कहना है कि सरकारी बैंक देश की अर्थव्यवस्था की सबसे कमजोर कड़ी बन चुके हैं। दिसंबर, 2015 को समाप्त तिमाही में देश के 11 प्रमुख सरकारी बैंक...
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