देश के एक बड़े तबके, खासकर उद्योग जगत, को यह लगने लगा है कि मनमोहन सिंह द्वारा वित्त मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद आर्थिक सुधारों की गति में तेजी आएगी। अटके हुए अनेक प्रस्तावों को हरी झंडी मिल जाएगी। कहा यह भी जा रहा है कि मनमोहन सिंह ही भारतीय अर्थव्यवस्था के तारणहार साबित होंगे। पर यह बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। अर्थव्यवस्था और राजनीति से जुड़े सारे नीतिगत फैसले...
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क्या कैश-ट्रांसफर के लिए पीडीएस को खत्म किया जा सकता है?
अनाज इतना है कि सरकारी गोदामों में उन्हें संभाल पाना मुश्किल हो रहा है और सरकार के पास धन की ऐसी कमी है कि वह खर्च कम करके संयम बरतने की सलाह दे रही है। फिर भी, विश्वबैंक की सलाह को अपने सर माथे चढ़ाकर सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली(पीडीएस) के जरिए अनाज बांटना बंद करना और लोगों को इसकी जगह कैश-ट्रांसफर के जरिए नकदी देना चाहती है। देश के विभिन्न भागों में होने वाले सर्वेक्षण, मौका...
More »तलाक की वजह से आत्महत्या के मामले बढ़े: रिपोर्ट
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तलाक और करियर संबंधी समस्याओं जैसी वजहों से ज्यादा लोग आत्महत्या कर रहे हैं. एनसीआरबी का कहना है कि वर्ष 2011 में हर घंटे कम से कम 16 लोगों ने आत्महत्या की और ऐसा करने वाले लोगों की कुल संख्या 1.35 लाख थी. इससे जुड़ी ख़बरें रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से एक चौथाई मामलों में पारिवारिक...
More »तलाक की वजह से आत्महत्या के मामले बढ़े
नयी दिल्ली : नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि तलाक और करियर संबंधी समस्याओं जैसी वजहों से ज्यादा लोग आत्महत्या कर रहे हैं. वर्ष 2011 में हर घंटे कम से कम 16 लोगों ने आत्महत्या की और ऐसा करने वाले लोगों की कुल संख्या 1.35 लाख थी. भारत की रिपोर्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से एक चौथाई मामलों में पारिवारिक समस्याएं आत्महत्या...
More »इन बच्चों का क्या कसूर?- हर्षमंदर
गरीबों के बच्चे मवेशी चराते हैं और चटाई बुनते हैं, वे शहर के कूड़ागाहों और ट्रैफिक सिगनल्स पर पाए जाते हैं, ईंट-भट्टे और कोयला खदानें आमतौर पर उनके काम करने की जगहें होती हैं। जब हमारे बच्चे स्कूलों में पढ़ाई करने जाते हैं, तब गरीबों के बच्चे रोजी-रोटी के लिए मशक्कत कर रहे होते हैं। लेकिन बड़ी अजीब बात है कि हमने महज इस संयोग के आधार पर इन बच्चों की इस...
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