नई दिल्ली। दुनिया भर में फसलों पर बेमेल मौसम की मार पड़ने के कारण कहीं बुआई का रकबा घट गया तो कहीं जमीन की उत्पादकता घट गई। अमेरिकी एग्रीकल्चर डिपार्मेंट (USDA) ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि दुनिया भर में अनाज उत्पादन घट सकता है। USDA ने अपने ही अनुमानों को कम कर दिया है। उसने अक्टूबर में 246.90 करोड़ टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया...
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विदेश से ज्यादा देश में ही है काला धन- मोहन गुरुस्वामी
काला धन, दरअसल, हर वह आय है, जिस पर राज्य को किसी तरह का कर (टैक्स) नहीं दिया जाये. यह आय वैध तरीकों से हो सकती है या फिर अवैध तरीकों से, जैसे स्मगलिंग, भ्रष्टाचार और ड्रग्स के जरिये. सालाना कितना काला धन पैदा होता है, इसका आंकड़ा हर साल अलग-अलग होता है. हालांकि, एक बहुप्रसारित, पर कथित तौर पर गोपनीय अध्ययन (जो नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक फायनांस एंड पॉलिसी...
More »डाक्टर साहब! यह हड़बड़ी जानलेवा है..
एक सर्जन, एक सहयोगी डाक्टर और छह घंटे में 83 महिलाओं की नसबंदी! मतलब पौने पाँच(4.33 मि.) मिनट से भी कम समय में एक महिला की नसबंदी की गई! नतीजा , ग्यारह महिलाओं की संक्रमण से मौत! यह मात्र डाक्टरों की लापरवाही की वजह से हुआ जैसा कि छत्तीसगढ़ की सरकार कहती है(देखें समाचार) या इस लापरवाही का रिश्ता ग्रामीण स्वास्थ्य-ढांचे में व्याप्त अभाव से है ? सरकारी स्वास्थ्य ढांचे से संबंधित आधिकारिक आंकड़े...
More »डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जीवन प्रमाण शुरू, एक करोड़ से अधिक पेंशनभोगियों को मिलेगा फायदा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज पेंशनभोगियों के लिए ‘आधार' पर आधारित डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट ‘जीवन प्रमाण' लांच किया है। इस कदम से एक करोड़ से भी ज्यादा पेंशनभोगी को फायदा मिलेगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि स्व-प्रमाणन का रास्ता साफ करने के बाद यह डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट एक और सक्षम एवं कारगर व्यवस्था है जिससे आम आदमी का लाभ होगा। पेंशनभोगियों को खुद नहीं जाना होगा प्रस्तावित डिजिटल प्रमाणन...
More »बढ़ते संसाधन घटता ज्ञान - शंकर शरण
जनसत्ता 11 नवंबर, 2014: एक समय था जब देश के जिला केंद्र ही नहीं, अनेक कस्बों में भी भाषा, गणित और विज्ञान के ऐसे शिक्षक होते थे जिनकी स्थानीय ख्याति हुआ करती थी। यह दो पीढ़ी पहले तक की बात है। तब विद्यालयों के पास संसाधन कम थे और शिक्षकों का वेतन भी बहुत कम था। स्कूल के कमरे, मामूली कुर्सी, बेंच, पुस्तक, छात्र और शिक्षक, यही तत्त्व शिक्षा-परिदृश्य बनाते...
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