-डाउन टू अर्थ, महासागर मानवजनित जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न अतिरिक्त गर्मी को अवशोषित करते हैं। इस प्रक्रिया के चलते दुनिया भर में महासागरों का तापमान लोगों और समुद्री पारिस्थितिक तंत्र को प्रभावित करता है साथ ही समुद्र के जल स्तर में वृद्धि होती है। यह जानना कि इस सदी के दौरान समुद्र का स्तर कितना बढ़ेगा, यह भविष्य में होने वाले जलवायु परिवर्तन पर हमारी समझ के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन...
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दलहन के पारंपरिक किसानों का समर्थन करने से मिल सकती है दालों की आत्मनिर्भरता
-डाउन टू अर्थ, दालों की जमाखोरी हमेशा महंगाई लेकर आती है। दालों की महंगाई जमाखोरी का एक संकेतक बन गई है। शायद इसी भय से बीच-बीच में कानून में फेरबदल और बदलाव होते हैं। स्वतंत्र व कानून मामलों की शोधार्थी व नीति विशेषज्ञ शालिनी भुटानी का यह आलेख इन्हीं परेशानियों की तहें खोल रहा है : भारत सरकार स्पष्ट रूप से जमाखोरी को लेकर चिंतित है, जो ऐसे समय में दालों की...
More »आईआईवीआर द्वारा विकसित लाल भिंडी से किसान कमा रहे अधिक मुनाफा, स्वास्थ्य के लिए है फायदेमंद
-रूरल वॉइस, अगर कोई आपसे पूछे कि भिंडी किस रंग की होती है, तो आप का जवाब होगा हरा…लेकिन अगर हम आपको बताएं कि हरे रंग की भिंडी के साथ-साथ अब लाल रंग की भिंडी भी मार्केट में आ गई है तो शायद आपको यकीन ना हो। लेकिन ये बिल्कुल सच है, क्योकि अब लाल रंग की भिंडी आ गई है। इस भिंडी के बीज को वाऱाणसी स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान...
More »पेगासस में निर्वासित तिब्बती सरकार के अधिकारियों का नाम आने से भारत के प्रति बढ़ा संदेह
-कारवां, जुलाई में 17 अंतर्राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने अपनी एक संयुक्त पड़ताल, जिसे उन्होंने पेगासस प्रोजेक्ट कहा है, में खुलासा किया कि इजराइली कंपनी एनएसओ द्वारा विकसित पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल दुनिया भर के 50000 फोन नंबरों की जासूसी करने के लिए किया गया है. भारत में ऐसे लोगों की सूची में पत्रकार, नागरिक अधिकार कार्यकर्ता, नेता और एक पूर्व चुनाव आयुक्त शामिल हैं. लेकिन हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों में एक और...
More »हर साल निकाली जा रही 5,000 करोड़ टन रेत, भारत सहित 70 देशों में होता है अवैध खनन
-डाउन टू अर्थ, दुनिया भर में हर साल करीब 5,000 करोड़ टन रेत और बजरी नदियों, झीलों आदि से निकाली जा रही है। देखा जाए तो यह दुनिया में सबसे ज्यादा खनन की जाने वाली सामग्री है। आज जमाव से कहीं ज्यादा तेजी से इनका अंधाधुंध खनन हो रहा है, नतीजन यह अनेक पर्यावरण, स्वास्थ्य और सामाजिक समस्याओं को जन्म दे रहा है। हाल ही में इसपर मैकगिल और कोपेनहेगन विश्वविद्यालय द्वारा...
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