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बिहार: ज़मीन के मालिक तो बन गए, लेकिन ज़मीन न मिली-- उमेश कुमार राय

48 वर्षीय अमर राम को 17 साल पहले साल 2002 में बिहार सरकार ने 91 डिसमिल जमीन का पर्चा दिया था. पीढ़ियों से भूमिहीन अमर राम के हाथ में जब एक ए-फोर साइज का कागज का टुकड़ा आया, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था. लेकिन ये खुशी काफूर साबित होगी, इसका इल्म उन्हें बिल्कुल भी न था. अमर राम मुश्किल से दो साल ही उस 91 डिसमिल जमीन के...

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जीरो बजट कृषि का विचार नोटबंदी की तरह घातक है- राजू शेट्टी

शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को लेकर एक स्वाभाविक आकर्षण है क्योंकि यह कृषि जैसे मुश्किल व्यवसाय को सरलता से प्रकट करता है। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि में जोखिम कम होता है और पूंजी की आवश्यकता नहीं के बराबर होती है। इसे विदर्भ के किसान नेता सुभाष पालेकर द्वारा गढ़ा गया है जिन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को वैसा ही स्थान मिला...

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पटना : 22 से 30 जून तक बांटी जायेंगी स्कूलों की किताबें

पटना : 22 जून से 30 जून तक बीआरसी और सीआरसी कार्यालय या जिला शिक्षा कार्यालय की तरफ से निर्धारित जगहों पर मिडिल स्कूलों की किताबें बांटी जायेंगी. किताबें कक्षा एक से आठ तक की बांटी जानी हैं. इसके लिए स्कूल स्तर पर पाठ्यपुस्तक प्रभारियों से मांग पत्र मांगा गया है. यह मांग पत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी को 12 से 16 जून तक हर हाल में देना...

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झारखंड बजट 2019-20 : किसानों को प्रति एकड़ मिलेंगे पांच हजार, बजट का आकार 7231 करोड़ रुपये

वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की घोषणा कर दी गयी है. इससे करीब 28 लाख किसानों को लाभ मिलेगा. इसके तहत एक एकड़ जमीन रखने वाले किसानों को प्रति एकड़ पांच हजार रुपये दिये जायेंगे. एक एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को भी पांच हजार रुपये नकद दिये जायेंगे. यह राशि प्रति वर्ष दी जायेगी. इ-नैम के तहत सरकार ने किसानों को स्मार्ट फोन देने...

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आजाद मीडिया के पक्ष में तर्क-- मृणाल पांडे

देश के हर चौराहे, चायखाने, पान की दुकान और शिक्षा परिसर में आजकल भारतीय लोकतंत्र के भविष्य पर चिंता जतायी जा रही है, नाना अटकलें लगायी जा रही हैं. और इन अटकलों का स्रोत मीडिया है, पारंपरिक या सोशल मीडिया. आजादी के सत्तर वर्षों बाद देश जनता को जागृत करनेवाली ताकत के रूप में मीडिया को पहचान रहा है, जिसके विमोचन के लिए गांधी जी ने ‘नवजीवन' नामक साप्ताहिक...

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