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बिना उजाड़े भी विकास संभव सिक्किम दिखा रहा है राह

कहते हैं कि तरक्की के लिए कुछ समझौते करने पड़ते हैं. बात करें किसी राज्य की तरक्की की, तो सबसे ज्यादा खामियाजा उठाना पड़ता है उसके वनों और खेतों को़ चूंकि उन्हें उजाड़कर कल-कारखाने और कॉलोनियां बसायी जाती हैं. लेकिन देश के छोटे राज्यों में शुमार, सिक्किम ने अपनी नीतियों की बदौलत वनों को बचा-बढ़ाकर और जैविक कृषि को अपनाकर और यह धारणा तोड़ी है़ सेंट्रल डेस्क आज भौतिक तरक्की की...

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किसानों को सता रही सूखे की चिंता

नुआपाड़ा (निप्र)। ओडिशा के नुआपाड़ा जिले में कम बारिश होने के कारण किसानों को इस वर्ष अकाल की चिंता सता रही है। बारिश नहीं होने के कारण आधे से अधिक कृषि भूमि में फसल नष्ट होने के कगार पर है, जिसके कारण किसान वर्ग चिंतित नजर आ रहे हैं। नुआपाड़ा में जुलाई माह में 17 प्रतिशत कम बारिश होना रिकार्ड किया गया है। वहीं इस वर्ष जिला में 54 प्रतिशत...

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अपनी सभ्यता की शर्तों पर- रमेशचंद्र शाह

जनसत्ता 15 जुलाई, 2014 : तात्कालिक आवश्यकता इस समाज में ही अतर्निहित, लेकिन दबी-घुटी मूल्य चेतना और आत्म-ज्ञान को उभारने-जगाने की है। फिलहाल लक्षण कुछ ऐसे ही प्रतीत हो रहे हैं कि नया राजनीतिक नेतृत्व अपने पूर्ववर्तियों की तुलना में इस मानी में ज्यादा संवेदनशील और जनोन्मुखी होगा। अवसरवादियों-चाटुकारों, नकलचियों और अल्पसंख्यक-तुष्टीकरण की राजनीति करने वाले दंभी पुण्यात्माओं का अभयारण्य नहीं, जो कि अपने ही देश को उपनिवेश की तरह...

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जीपीएस से होगी माप, फिर किसान बेच पाएंगे चंबल का रेत

मुरैना। जिले में मांग के अनुरूप वैध रेत उपलब्ध नहीं है। ऐसे में जिले की मांग को पूरा करने के लिए चंबल के उस रेत की बिक्री का रास्ता निकाला गया है, जो रेत चंबल अभयारण्य सीमा के बाहर किसानों के आधिपत्य की जमीनों पर है। इस रेत को माइनिंग विभाग चिन्हित कर रहा है। यह रेत किसान रॉयल्टी अदा करने के बाद बेच पाएंगे। अंबाह, पोरसा क्षेत्र में माइनिंग...

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नियमगिरि के हकदार- कमल नयन चौबे

जनसत्ता 2 अगस्त, 2013: नियमगिरि में खनन की इजाजत देने की बाबत सर्वोच्च न्यायालय ने अठारह अप्रैल को दिए अपने फैसले में ग्रामसभा की मंजूरी लेने का आदेश दिया था। इस फैसले और इसके बाद के घटनाक्रम ने जल, जंगल, जमीन पर स्थानीय समुदायों के हक की लड़ाई के कई विरोधाभासों और उपलब्धियों को उजागर किया है। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की मनमानी व्याख्या करते हुए ओड़िशा...

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