भारत में मौसमी घटनाओं के कारण वर्ष 2022 में 2,227 लोगों की जाने चली गई। सबसे अधिक मौतें बिहार राज्य (418) से हुई हैं। उसके बाद असम से 257, उत्तर प्रदेश से 201, ओडिशा से 194 और महाराष्ट्र के 194 लोगों की जीवन लीला मौसमी कारकों के कारण समाप्त हो गई। मौसम विभाग की रपट के अनुसार; इसके पीछे की वजहों को देखें तो सबसे बड़ा कारक आकाशीय बिजली और आंधी–तूफान है।...
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दुनिया में मलेरिया कितना बड़ा खतरा है ?
सन् 1799 की बात है। चौथे आंग्ल–मैसूर युद्ध में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने टीपू सुल्तान को हरा दिया। हार के बाद राजधानी श्रीरंगापट्टनम पर विलायती सेना का कब्जा हो गया, सैनिक श्रीरंगापट्टनम के किले में बस गए। लेकिन कुछ वक्त बाद वहां पर सिपाही बीमार पड़ने लगते हैं। बीमारी के डर से राजधानी को बैंगलोर ले जाया जाता है फिर भी बीमारी पीछा नहीं छोड़ती है। बीमारी का...
More »पाताल के पानी का भरपूर दोहन कर रहे हैं हरियाणा, पंजाब और राजस्थान
भारत में बारिश के साथ आने वाली खरीफ की सीजन खत्म हो गई है। सर्द हवाओं ने रबी की सीजन का इस्तक़बाल कर दिया है। किसानों ने मोटर–पंपों के माध्यम से पानी को पाताल से खींचना शुरू कर दिया है। नलकूपों में चल रही मशीनों के लिए बिजली सरकार ने भेजी है। यानी राजा और प्रजा दोनों की इच्छा है कि पाताल से पानी खींच कर खेतों में छोड़ा जाए। इसी...
More »जेनेटिकली मॉडिफाइड खाद्य पदार्थों के लिए FSSAI के नियम तैयार, फूड पैकेट पर लगाना होगा लेबल
जागरण, 29 नवम्बर भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने आनुवंशिक रूप से संशोधित खाद्य पदार्थों यानि जेनेटिकली मॉडिफाइड (Genetically Modified Foods) के लिए नियमों का मसौदा तैयार किया है। इसमें जेनेटिकली मॉडिफाइड जीवों से निर्मित खाद्य या सामग्री के निर्माण, बिक्री और आयात के लिए नियामक से पूर्व अनुमोदन अनिवार्य करने का प्रस्ताव किया गया है। अगर ऐसा होता है, तो कई खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता में सुधार आ...
More »भारत निर्मित कफ सीरप पीने से गांबिया में 66 बच्चों की मौत, डब्ल्यूएचओ की चेतावनी के बाद जांच शुरू
द वायर, 07 अक्टूबर हरियाणा की एक फर्म द्वारा बनाई गईं चार दवाओं के कारण गांबिया में 66 बच्चों की मौत हो गई. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यह जानकारी देते हुए 5 अक्टूबर को घोषणा की कि मेडन फार्मास्युटिकल द्वारा बनाए गए कफ सीरप (खांसी की पीने वाली दवा) में डायथिलिन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल थे, जो मनुष्यों के लिए जहरीले होते हैं. डब्ल्यूएचओ ने कंपनी की उन चारों दवाओं के खिलाफ...
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