रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक साल में 65.14 लाख रुपए की रिश्वतखोरी हुई है। मध्यप्रदेश के मुकाबले यहां भ्रष्टाचार की शिकायतें कम हैं, लेकिन रिश्वतखोरी की यह रकम मध्यप्रदेश के मुकाबले दोगुना है। यह खुलासा बेंगलुरू के एक सामाजिक संस्थान के ऑनलाइन सर्वे में हुआ है। देश के 636 शहरों में कराए गए इस सर्वे में कुल 480.69 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी होने की जानकारी दी गई है। भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान...
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कितना काला है काला धन?- प्रीतीश नंदी
आखिरकार कोई तो बुद्धिमानी से बोला। अब तक तो हमने काले धन को लेकर हर किसी को आक्रोश व्यक्त करते हुए ही देखा, लेकिन किसी ने व्यावहारिक समाधान नहीं सुझाया। बोफोर्स घोटाले से इसकी शुरुआत हुई थी और उसके कारण राजीव सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। फिर तो हर किसी को यह समझ में आ गया कि काला धन राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की प्रतिष्ठा को खत्म करने का एकदम...
More »कालिख की उजागर होती परतें - राजीव सचान
लगता है, मनमोहन सिंह को सत्ता से बाहर होने के बाद भी चैन नहीं मिलने वाला। पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के बाद अब उनके चैन में खलल डाला है पूर्व कैग विनोद राय ने। वह भी अपनी किताब के साथ हाजिर होने वाले हैं। उनकी किताब 'नॉट जस्ट एन एकाउंटेंट" अभी बाजार में नहीं आई, लेकिन उसके सार्वजनिक हुए कुछ अंश बताते हैं कि किस तरह उन पर इसके...
More »अर्थव्यवस्था के मर्ज की दवा- लार्ड मेघनाद देसाई
वर्ष 2014 में भारत की अर्थव्यवस्था के समक्ष पहली चुनौती महंगाई है. इससे निबटना नयी सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेवारी होगी. पिछले तीन-चार वर्षो से महंगाई की दर बहुत अधिक रही है. महंगाई की समस्या बहुआयामी है. यह अन्य समस्याओं को भी जन्म दे रही है. इससे देश में बहुत बड़ा संकट आया है. अगर सरकार इन चुनौतियों से मुकाबला करने में सक्षम रही, तो भारत की अर्थव्यवस्था उम्मीदों से...
More »भ्रष्टाचार का भयावह मंजर- ज्ञान प्रकाश पिलानिया
जनसत्ता 17 सितंबर, 2013 : हाल ही में ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल की ‘वैश्विक भ्रष्टाचार: बैरोमीटर-2013’ रिपोर्ट में एक बार फिर यह उजागर हुआ है कि भारत में भ्रष्टाचार दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले दुगुनी रफ्तार से बढ़ रहा है। विश्व के सत्ताईस फीसद लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले साल भर के दौरान रिश्वत देकर काम कराया है। लेकिन अकेले भारत में यह आंकड़ा चौवन फीसद रहा। यानी हर दो में...
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