-कारवां, फरवरी 2021 में म्यांमार में सैन्य तख्तापलट होने के बाद भारत आने वाले शरणार्थियों में से एक 57 वर्षीय न्गुंचन ने मुझे बताया कि “गांव में गोलीबारी चल रही थी और गोलियां खिड़की से होकर गुजर रही थीं. हम सोफे के नीचे छिप गए. जब थोड़ी शांति हुई तो हम भूखे पेट जंगल की ओर भागे. हम बहुत डरे हुए थे. मेरे पति नहीं रहे. मैं और मेरी बेटी इस बात...
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हिंदू राष्ट्र हो या न हो हम एक ग़ुंडा राज में ज़रूर तब्दील हो गए हैं
-द वायर, हरियाणा के मुख्यमंत्री ने गुड़गांव में शुक्रवार को खुले स्थानों पर नमाज़ अदा करने पर कई दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा उठाई गईं आपत्तियों को लेकर एक सवाल के जवाब में गुड़गांव में संवाददाताओं से कहा, ‘यहां (गुड़गांव) खुले में नमाज़ पढ़ने की प्रथा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.’ कोई दूसरा सभ्य समाज होता तो उसका मुख्यमंत्री यह कहता, ‘यहां नमाज़ को बाधित करने वाली गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.’ गुड़गांव में पिछले कई...
More »खून और स्याही
-द कारवां, वह मेरे जीवन का सबसे वीभत्स दृश्य था. दिल्ली पुलिस के सब्जी मंडी स्थित मुर्दाघर में मैंने जो मंजर देखा वह ऐसा था कि मेरे साथी पत्रकार दीपांकर डे सरकार उल्टियां करने लगे थे. वह 1 नवंबर 1984 का दिन था और इंदिरा गांधी को उनके सिख सुरक्षागार्डों द्वारा गोली मारे जाने के 24 घंटे हुए थे. भयानक हिंसा में निर्दोष सिखों को निशाना बनाया जा रहा था. यह मध्यकालीन न्याय...
More »क्या हिंसा की संस्कृति अब भारत की पहचान बनती जा रही है
-द वायर, इसमें अब कोई संदेह नहीं रह गया है कि भारत में शासक दल भारतीय जनता पार्टी के द्वारा हिंसा भरी जा रही है. उससे भी ज़्यादा फिक्र की बात यह है कि हिंसा को लेकर एक तरह की बेहिस बेपरवाही लोगों में भरती जा रही है. हिंसा और हत्या की इस संस्कृति को समझना हमारे लिए बहुत ज़रूरी है इसके पहले कि यह इस देश को पूरी तरह तबाह...
More »असम फायरिंग को अवैध कब्ज़े से ज़मीन ख़ाली कराने के मसले के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए
-द वायर, असम में हाल में हुई हिंसा ने देश का ध्यान खींचा है. दरांग जिले में सिपाझार के धालपुर 2 के गोरुखुटी में पुलिस की गोली से दो लोग मारे गए. इसकी खबर असम के अखबारों ने किस तरह छापी? अंग्रेज़ी अखबार ‘सेंटिनल’ से एक नमूना देखिए, ‘सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन के एक बड़े अभियान के दौरान इलाके के हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. जब...
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