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दंडकारण्य का दावानल- कनक तिवारी

जनसत्ता 29 मई, 2013: सुकमा से राष्ट्रीय शोक का एक मर्मांतक ज्वालामुखी पैदा हुआ है। कांग्रेस के काफिले पर नक्सलियों ने घात लगाकर अंधाधुंध फायरिंग की। उसमें पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं समेत करीब तीस लोग मारे गए। बस्तरिहा घाटियों में माओवादियों द्वारा यह पहला नरसंहार नहीं था। माओवादी वर्षों से अपनी क्रूरता के घिनौने कारनामे अंजाम दे रहे हैं। ताजा हमला विशेष मायने रखता है। कांग्रेसी राजनीतिकों का काफिला...

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जंगल-जमीन बचाने के लिए सतपुड़ा में आंदोलन- बाबा मायाराम

इन दिनों सतपुड़ा के जंगलों के आदिवासी आंदोलित हैं। इसकी एक झलक होशंगाबाद में जब दिखाई दी तब आदिवासियों के जोशीले नारों से यहां की गलियां गूंज उठीं। दूरदराज के गांवों से सैकड़ों की तादाद में यहां आकर आदिवासियों ने जता दिया कि शेर पालने के नाम पर उनकी रोजी-रोटी पर लगाई जा रही रोक उन्हें मंजूर नहीं है। इसका पूरी ताकत से विरोेध किया जाएगा। इस जुलूस का फौरी असर...

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612 भारतीयों ने टैक्स हैवन देशों में कर रखा है अवैध निवेश

नई दिल्ली। खोजी पत्रकारों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने \'टैक्स हैवन\' देशों में निवेश और गुप्त वित्तीय लेन-देन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 612 भारतीय समेत दुनियाभर के 1.2 लाख से ज्यादा संस्थाओं, व्यक्तियों, उद्योगपतियों, नेताओं, कॉरपोरेट घरानों, ट्रस्टों ने 170 से ज्यादा देशों में अवैध तरीके से निवेश कर रखा है। ये निवेश मुख्यत: ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, कुक आइलैंड, समोआ जैसे छोट-छोटे...

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कैग के बयान से नाराज हुई कांग्रेस

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी या कैग) विनोद राय के बयान पर कांग्रेसी खेमे में बुरी तरह खलबली मच गई है. सीएजी विनोद राय के बयान पर दिग्विजय सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. दिग्विजय सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि सीएजी के सलाह की जरूरत नहीं है वो सरकार को अपना काम करने दें. कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी विनोद राय पर निशाना साधा. आरोपों को खारिज...

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यह कैसी सौ फीसदी मंजूरी..!

उद्योगपतियों से लेकर प्रधानमंत्री तक एक ना एक रुप में वन और पर्यावरण मंत्रालय की आलोचना करते हैं कि वह ग्रीन-क्लीयरेंस के नाम पर औद्योगिक विकास और बुनियादी ढांचे के निर्माण के काम को रोक देता है। लेकिन बीते पाँच सालों में इस मंत्रालय ने जो निर्णय लिए हैं , उसके अध्ययन के आधार पर पर्यावरण के मुद्दे पर काम करने वाली एक संस्था के निष्कर्ष कुछ और ही इशारा करते हैं। संस्था की रिपोर्ट(देखें...

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