-द प्रिंट, ऐसे समय में जब हम सब भारतीय कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के भयावह अनुभव से गुजरने के बाद थोड़ी सी राहत की सांस ले रहे थे, इसका एक नया संस्करण, ओमीक्रॉन, हर किसी से उसकी उम्मीदों और आशावादिता के ‘हरियाली’ (ग्रीन शूट्स) को छीन लेने के लिए आ धमका है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को बुखार और गले में खराश के मामलों को ओमीक्रॉन के लक्षणों...
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भारत को डब्ल्यूटीओ की दोषपूर्ण सब्सिडी व्यवस्था को जल्द चुनौती देने की जरूरत
-रूरल वॉइस, भारतीय किसानों ने अपने हक़ के लिए लंबा संषर्ष कर विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने पर सरकार को मज़बूर किया है और साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए आवाज़ बुलंद कर रहे हैं। अब इसी बीच गन्ने और चीनी पर किसानों को दी जा रही सब्सिडी पर विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने भारत को दोषी ठहराया है। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के डिस्प्यूट सेटलमेंट पैनल ने गन्ने...
More »देश भर के डॉक्टरों के प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होने की वजह क्या है
-द वायर, भारत में कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वैरिएंट का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है, लेकिन इन सब के बीच देश के हजारों सरकारी डॉक्टर्स अस्पताल बंद कर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं. उनकी मांग है कि राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा-पोस्टग्रैजुएट (नीट-पीजी) पास किए 50,000 एमबीबीएस डॉक्टरों की तत्काल काउंसलिंग कराई जाए. नीट-पीजी की परीक्षा इस साल सितंबर में हुई थी. काउंसलिंग के बाद इन डॉक्टर्स को मेडिकल कॉलेजों में...
More »नीति आयोग का स्वास्थ्य सूचकांक: नहीं काम आ रहा 'डबल इंजन’, यूपी-बिहार सबसे नीचे
-न्यूजक्लिक, देश ललकारने वाले अंधे नारों से मिलकर नहीं बनता। ना ही कुछ अमीर लोगों के पैसे से बनता है। देश इंसानों से मिलकर बनता है। इसलिए किसी देश की तरक्की का सबसे बड़ा पैमाना वही है जो इंसानों की तरक्की के होते हैं। इसी में से एक पैमाने का नाम है देश का स्वास्थ्य क्षेत्र। इस स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर नीति आयोग की स्वास्थ्य सूचकांक की चौथी रिपोर्ट आई है।...
More »ग्लोबल उथल पुथल के बीच अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए बुनियादी बातों पर भी ध्यान देना जरूरी
-द प्रिंट, दुनियाभर में मौद्रिक नीति में बदलावों के कारण शेयर बाजारों में इन दिनों उथलपुथल चल रही है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने भी मौद्रिक नीति में सामान्यीकरण का संकेत दिया तो रुपये पर दबाव बढ़ गया. पिछले कुछ महीनों से कीमतों में तेजी के कारण कई बड़े देशों के केंद्रीय बैंक सामान्यीकरण की नीति अपनाने लगे हैं. मुद्रास्फीति जब नयी ऊंचाई को छूने लगी तो अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने इस महीने...
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