-हिन्दुस्तान पिछले साल दो बजट पेश हुए थे। एक अंतरिम बजट फरवरी में पेश किया गया था, उसके बाद देश में लोकसभा चुनाव हुए और जुलाई में एक बार फिर मोदी सरकार ने अपना बजट पेश किया। दोनों बजट के बीच छह महीने का अंतर था, पर इन छह महीनों में ही आंकड़ों में बदलाव दिख गया। सरकार की आय और खर्च के बीच एक लाख, 80 हजार करोड़ रुपये का...
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बजट 2020: पानी, रसोई और मकान को लेकर ग्रामीणों की क्या हैं उम्मीदें?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को 2020-21 का आम बजट पेश करेंगी। इससे पहले जुलाई 2019 में बजट पेश किया गया था। उस वक्त बजट पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा था, ''महात्मा गांधी ने कहा था भारत की आत्मा इसके गांवों में बसती है। हमारी सरकार का केंद्र बिंदू भी गांव, गरीब और किसान है।'' सरकार के केंद्र बिंदू में गांव का होना इस लिए भी जरूरी...
More »एक छोटी सी पहल ने बचाई लाखों की फसल
पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के रंजनडीह गांव में रहने वाली 55 वर्षीय साधमणि तुडु हर सुबह अपने खेत में जाने से पहले गांव में एक घर की दीवार पर लगा चाकबोर्ड देखना नहीं भूलतीं। तुडु कहती हैं, “पिछले चार साल से चाकबोर्ड देखना गांव से अधिकांश लोगों की आदत में शुमार हो चुका है।” यह चाकबोर्ड 2015 में कोलकाता स्थित गैर लाभकारी संगठन डेवलपमेंट रिसर्च कम्युनिकेशन एंड सर्विस सेंटर (डीआरसीएससी)...
More »कोयला बिजलीघर अब भी उगल रहे ज़हरीला धुंआं
दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण से भले ही लोगों का हाल बेहाल हो लेकिन कोयला बिजलीघर हानिकारक SO2 यानी सल्फ़र डाई ऑक्साइड गैस का उत्सर्जन रोकने की समय सीमा का पालन करने में एक बार फिर फेल हो गये हैं. सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा में सल्फर नियंत्रक टेक्नोलॉजी लगाने में नाकाम रही बिजली कंपनियों ने अब कहा है कि उन्हें यह लक्ष्य हासिल करने के लिये करीब 3...
More »गंगा पर नया संकट, किसके पाले में सरकार
गंगा के पर्यावरणीय प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए बनी गाइडलाइन के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। पर्यावरणीय प्रवाह के नियम बांधों और बैराजों पर लागू होते हैं। नियमों के अनुसार, बांधों और बैराजों को गंगा की प्राकृतिक सफाई और जैव विविधता के लिए निर्धारित मात्रा में पानी छोड़ना होगा। पर्यावरणीय प्रवाह के नियम सितंबर 2018 में गंगा की सफाई और पुनरोद्धार के लिए उत्तरदायी निकाय नेशनल...
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