आज विश्व की जनसंख्या सात अरब से ज्यादा है। अकेले भारत की जनसंख्या सवा अरब से अधिक है। भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। आजादी के समय भारत की जनसंख्या तैंतीस करोड़ थी, जो आज चार गुना तक बढ़ गई है। परिवार नियोजन के कमजोर तरीकों, अशिक्षा, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के अभाव, अंधविश्वास और विकासात्मक असंतुलन के चलते आबादी तेजी से बढ़ी है। संभावना है...
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कर्जमाफी नहीं है समाधान -- देविंदर शर्मा
इस हफ्ते की शुरुआत मध्य प्रदेश के 42 वर्षीय किसान रमेश बसेने की आत्महत्या के साथ हुई। हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर में बताया गया था कि उस पर 25,000 रुपये का कर्ज था। कुछ ही हफ्ते पहले महाराष्ट्र के एक किसान की 21 वर्षीया बेटी शीतल व्यंकट की आत्महत्या की भी दुखद खबर आई थी। अपनी शादी के लिए पैसे के इंतजाम को लेकर पिता की परेशानी उससे...
More »बढ़ती महामारियों के दौर में-- डा. ए के अरुण
विगत कुछ वर्षों से विवादास्पद व खतरनाक किस्म के वायरस से होनेवाली बीमारियों के महामारी बनने की चर्चा ज्यादा हो रही है. कहा जा रहा है कि विगत 30 वर्षों में 30 से ज्यादा नये-पुराने वायरस घातक बन कर मानव दुनिया के लिए खतरा बन चुके हैं. इन दिनों ‘जीका' वायरस चर्चा में है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने वैसे तो इस वायरस को लेकर इमरजेंसी एलर्ट जारी किया था,...
More »स्वच्छ वातावरण का सपना--- विवेक कुमार बडोला
दुनिया में जैसे-जैसे पर्यावरण संकट बढ़ रहा है वैसे-वैसे पर्यावरण के प्रति गंभीर मानवीय चिंता और चिंतन का अभाव भी हो रहा है। सरकारी संस्थाएं और गैर-सरकारी संगठन आधिकारिक रूप से इस संबंध में भले समय-समय पर चिंता प्रकट कर रहे हैं, पर आम लोग अपने स्तर पर पर्यावरण सुरक्षा का उत्तरदायित्व लेने को अब भी तैयार नहीं। अभी कुछ दिन पहले न्यूजीलैंड और भारत स्थित न्यायालयों ने नदियों को जीवित...
More »मर्ज का इलाज नहीं कर्ज माफी - डॉ भरत झुनझुनवाला
आठ साल पहले केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर किसानों का कर्ज माफ किया था। अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में किसानों की कर्ज माफी की है। दस वर्षों से भी कम अंतराल में किसानों का कर्ज दोबारा माफ करना पड़ा है। यह दर्शाता है कि मौजूदा व्यवस्था में किसान कर्ज लेते रहेंगे और सरकारें उसे माफ करती रहेंगी। कर्ज माफी किसान की...
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