चालू वित्तवर्ष में अब चंद दिन बाकी हैं लेकिन देश के केवल एक तिहाई जिलों में ही मनरेगा के कामकाज का सामाजिक अंकेक्षण हो सका है. मनरेगा संबंधी सूचनाओं की वेबसाइट के एमआईएस(मैनेजमेंट इन्फार्मेशन सिस्टम) के आंकड़ों के विश्लेषण से इस तथ्य का खुलासा होता है कि वित्तवर्ष 2015-16 में 26 मार्च तक देश के केवल एक तिहाई जिलों में ही सामाजिक अंकेक्षण का काम हुआ है. एमआईएस के आंकड़ों के मुताबिक मनरेगा...
More »SEARCH RESULT
किडनी देने में छत्तीसगढ़ की महिलाओं का प्रतिशत पुरुषों से अधिक
रायपुर। जिंदा रहते शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंग में से एक किडनी (गुर्दा) का दान करना किसी के लिए भी आसान नहीं। तब जब कोई महिला इस परिस्थिति से गुजर रही हो, उसके अपने किसी की जिंदगी उसकी एक किडनी दान देने बच सकती हो। ऐसे में किडनी दान के लिए शारीरिक, मानसिक रूप से तैयार होने में छत्तीसगढ़ की महिलाओं ने पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है। वे किसी...
More »'दस साल में और बहुत सारी विधवाएं देखेंगे'- सौतिक बिस्वास
महाराष्ट्र के वाशीम ज़िले के एक गांव में रहने वाले किसान मुकुंदा वाघ ने 2009 में पहली बार कीटनाशक पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. जब वो बेहोश होकर गिर गए और उनके मुंह से झाग निकलने लगा तो उनकी पत्नी ने उन्हें देखा और अस्पताल ले गईं. उस वक़्त अस्पताल में डॉक्टरों ने उनकी जान बचा ली. लेकिन तीन साल के बाद मई 2012 में क़िस्मत ने उनका साथ नहीं...
More »दिल्ली-मुंबई के करोड़पति किसान- राजीव रंजन झा
बीते मंगलवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह कह कर एक राजनीतिक सनसनी पैदा कर दी, कि सरकार कृषि आय के नाम पर कर योग्य आय छिपाये जाने की जांच कर रही है और अगर इस मामले में ऐसा करनेवालों के नाम सामने आते हैं तो राजनीतिक उत्पीड़न का आरोप न लगाया जाये़ उन्होंने संकेत दिया कि इस संबंध में 'कई महत्वपूर्ण व्यक्ति' संलिप्त हो सकते हैं, जिनकी...
More »अब नजर नहीं आतीं नन्हीं गौरैया, संरक्षण के लिए नहीं उठे कदम
कभी हमारे घरों को अपनी चीं..चीं से चहकाने वाली गौरैया अब नजर नहीं आतीं हैं। करीब 10 सालों से यह घरेलू पक्षी शहर से विलुप्त हो चुकी है। गांवों की तरफ भी कभी- कभार चहचहाहट सुनाई पड़ती है। घरों की बदलती डिजाइन, इलेक्ट्रिक पंखे समेत कई ऐसे कारण हैं जो नन्हीं गौरैया को बेदखल करने के लिए जिम्मेदार है। वन विभाग ने भी कभी इनके संरक्षण की दिशा में ठोस...
More »