नोटबंदी के फैसले को भोजन के अधिकार और जीवन के अधिकार पर बड़ा हमला करार देते हुए रोजी-रोटी अधिकार अभियान ने मांग की है कि नकदी की भारी किल्लत के बीच लोगों को हो रही कठिनाइयों की क्षतिपूर्ति के लिए सरकार विधवा, बुजुर्ग और विकलांगों को मिलने वाले सामाजिक सुरक्षा पेंशन में अपना हिस्सा 200 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपया करे.(देखें नीचे दी गई लिंक) अरुणा रॉय, निखिल डे, कविता श्रीवास्तव, एनी...
More »SEARCH RESULT
नोटबंदी की मार : बिहार के लोगों के हाथों से छिन गया काम..
पटना : नोटबंदी से राज्य से बाहर काम करनेवाले बिहार के कामगारों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है. काम बंद होने से मजबूरी में उन्हें घर लौटना पड़ रहा है. आठ-10 वर्ष पहले भी दूसरे प्रदेशों में काम करनेवाले बिहार के कामगार बड़ी संख्या में घर लौटे थे, लेकिन उस समय वे बिहार के हालत में जो सुधार आया था, उससे प्रेरित होकर लौटे थे. उन्हें एक...
More »नोटबंदी से नायाब तरीके से निपट रहा है ये गांव
भारत में नोटबंदी के बाद से आम लोगों को काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में पश्चिम बंगाल के बृंदाबनपुर गांव के लोगों ने मुश्किलों से निपटने का आसान और बेहद पुराना तरीका निकाला है. भारत की अर्थव्यवस्था में 500 और 1000 रुपए के नोट का इस्तेमाल बंद होने से पहले, ये बाज़ार में कुल मुद्रा का 86 फ़ीसदी थे. इनके बाज़ार से बाहर होने के बाद रिज़र्व बैंक...
More »मोदीजी की सुनें या अर्थशास्त्रियों की -- रविभूषण
विगत ढाई वर्ष में मोदी सरकार ने प्रचार पर 11 अरब से अधिक रुपये खर्च किये हैं. नोटबंदी के द्वारा भ्रष्टाचार और कालेधन की समाप्ति की जो बात की जा रही है, कैशलेस समाज और भारत बनाने पर जिस तरह बल दिया जा रहा है, उस पर स्थिरचित्त से विचार करना ज्यादा जरूरी है, क्योंकि मोदी का कोई कार्यक्रम अकेला नहीं होता. एक स्ट्रोक से कई निशाने लगाने की ऐसी...
More »बाजार में नकदी संकट गहराया, हेलीकॉप्टर से लाये जा रहे हैं नोट
नयी दिल्ली/पटना/रांची : नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा कालेधन को खत्म करने के लिए 500 व 1000 के पुराने नोटों का सर्जिकल स्ट्राइक किये जाने के बाद जनता परेशान है. सरकार द्वारा उनकी परेशानियां खत्म करने के लिए किये जा रहे प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. बैंक व एटीएम के बाहर खड़े लोगों में से कुछ जहां नाराजगी भरी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, वहीं कुछ लोग आशावादी भी हैं...
More »