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बजट 2016-17: खेती को पानी मिले, किसानों को वाजिब दाम

हालांकि नई फसल बीमा योजना को प्रधानमंत्री ने "कि‍सान की सारी मुसीबतों का समाधान" बताया है लेकिन लगातार दो दफे सूखे की चपेट में आई खेतिहर अर्थव्यवस्था की मौजूदा बदहाली नये बजट में फौरी तौर पर विशेष उपाय करने की मांग करती है.(देखें प्रधानमंत्री का भाषण)   एक ऐसी स्थिति में जब कृषिगत सकल घरेलू उत्पाद में लगातार दो वित्तवर्षों (2014-15 में -2%, 2015-16 में 1.1%) में बड़ा मामूली इजाफा हुआ हो,...

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फिर लौटेगी सार्वजनिक उपक्रमों के विनिवेश की नीति

नई दिल्ली। करीब एक दशक बाद सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण की नीति को फिर से सक्रिय किया जा रहा है। मुनाफा अर्जित करने वाले सार्वजनिक उपक्रमों समेत सभी पीएसयू की रणनीतिक बिक्री को लेकर सरकार जल्द एक व्यापक नीति लेकर आ सकती है। इस संबंध में बजट में भी एलान हो सकता है। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के वक्त 1999 से 2004 के दौरान कई सार्वजनिक...

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बैंकों की बैलेंस शीट बदहाल क्यों? - धर्मेंद्रपाल सिंह

बैंक देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, लेकिन दुर्भाग्य से आज वे बदहाल हैं। देश में लिस्टेड 39 में से 30 बैंकों की तीसरी तिमाही की जारी रिपोर्ट खतरनाक संकेत देती है। पता चलता है कि महज तीन महीनों में उनके नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) में 26 प्रतिशत इजाफा हो गया है। रिपोर्ट जारी करने वाले सोलह सार्वजनिक और चौदह निजी बैंकों की बैलेंस शीट एक दर्दभरी दास्तान बयान करती...

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पश्चिम की गलतियों से सीखें-- एम के वेणु

थॉमस पिकेटी ('21वीं सदी में पूंजी' के लेखक) ने अपने हालिया भारत दौरे में यहां के कुलीन वर्ग को कुछ कठोर संदेश दिए हैं। गौरतलब है कि यह संदेश उस समय आया है, जब भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर है और ग्रामीण आय में वृद्धि संभवतः वास्तविक रूप से नकारात्मक है। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत के सत्तारूढ़ अभिजात वर्ग को यह ढोंग बंद करना चाहिए कि वह आय और संपत्ति का...

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उच्च शिक्षा में बढ़ती खाई-- शैलेन्द्र चौहान

भारत सरकार ने विश्वविद्यालय में शिक्षा हासिल करने वाले शिक्षार्थियों की संख्या 2030 तक बढ़ा कर तीस प्रतिशत करने का लक्ष्य तय कर रखा है। जबकि भारत में सिर्फ बारह प्रतिशत लोगों को ही विश्वविद्यालयों में प्रवेश मिल पाता है। वर्तमान में भारत में दूरस्थ शिक्षा (डिस्टेंस लर्निंग) यानी घर बैठे पढ़ाई करने वालों की तादाद पैंतीस लाख है। चिंताजनक बात यह कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों और...

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