जनसत्ता 19 अप्रैल, 2013: पिछले कुछ दिनोंसे यात्रा पर हूं और जिस शहर में गया वहां उत्सुकतापूर्वक मैंने हिंदी के अखबार पढेÞ, ताकि जान सकूं कि उनमें किस तरह की खबरें छपती हैं। किसी भी दिन कोई ऐसा अखबार नहीं मिला, जिसमें जाति के विषय में खबर न छपी हो। जाति का सम्मलेन, जाति की प्रतिभाओं का सम्मान, जाति के किसी समारोह में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति, जबकि...
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सुप्रीम कोर्ट का फैसला और सस्ती दवाइयों का मुद्दा
रक्त-कैंसर रोधी महंगी और पुरस्कार प्राप्त दवा ग्लीवेक से जुड़े पेंटेंट अधिकार की भारत में रक्षा की जाय- दवा बनाने वाली मशहूर नोवार्टिस कंपनी ने यह गुहार लगायी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इसे खारिज कर दिया।कोर्ट के फैसले के बाद एक दफे फिर से देश में यह बहस शुरु हो गई है कि सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था लचर है और सरकार की स्वास्थ्य नीति हर जरुरतमंद को...
More »खाद्य सुरक्षा की शर्तें- रविशंकर
जनसत्ता 12 अप्रैल, 2013: हालांकि यूपीए सरकार की मंशा थी कि बजट सत्र में ही खाद्य सुरक्षा विधेयक को संसद से पास करा लिया जाए, पर ऐसा नहीं हो पाया। संसद की कार्यवाही बार-बार स्थगित होने से संशोधित विधेयक अब तक पेश नहीं हो सका है। अब इस विधेयक के बजट सत्र के अंतराल के बाद पेश होने की उम्मीद है। वास्तव में यह विधेयक यूपीए के 2009 के उस...
More »612 भारतीयों ने टैक्स हैवन देशों में कर रखा है अवैध निवेश
नई दिल्ली। खोजी पत्रकारों के एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने \'टैक्स हैवन\' देशों में निवेश और गुप्त वित्तीय लेन-देन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 612 भारतीय समेत दुनियाभर के 1.2 लाख से ज्यादा संस्थाओं, व्यक्तियों, उद्योगपतियों, नेताओं, कॉरपोरेट घरानों, ट्रस्टों ने 170 से ज्यादा देशों में अवैध तरीके से निवेश कर रखा है। ये निवेश मुख्यत: ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, कुक आइलैंड, समोआ जैसे छोट-छोटे...
More »लड़कियां खौफ से करती हैं बंधुवा मजदूरी- रणजीत वर्मा
बीते सप्ताह तीन ऐसे मामले सामने आये जिससे पता चलता है कि नाबालिग लड़कियों को घर की मजबूरी या मालिक की जबरदस्ती की वजह से घरेलू नौकर बनाकर रखना आम बात हो गयी है। मामला रसूखदार परिवार का हो तो केस दर्ज करने से पुलिस भी घबराती है। पहला वाकया दो मार्च का है जब कांग्रेस पार्टी के नेता और प्रमुख व्यवसायी में गिने जानेवाले निवारणपुर निवासी चंचल चटर्जी के घर...
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