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हमारी खेती अमेरिका से अच्छी- वंदना शिवा

वंदना शिवा राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर खेती के सवाल पर लगातार लड़नेवाली लड़ाका हैं. वे इंटरनेशनल फोरम आन ग्लोबलाईजेशन की सदस्य हैं. उनसे एक महत्वपूर्ण बातचीत.विस्फोट डाट कॉम से साभार) दूसरी हरित क्रांति की बात हो रही है. आपकी असहमति और सहमति किसरूप में रेखांकित होती है? मैंनेजब 1984 में हरित क्रांति का विरोध शुरू किया था तो इसके पीछे एक मकसद था। कहा जाताथा कि पंजाब में हरित क्रांति से...

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बिचौलिए की भेंट चढ़ी आवास योजना

लातेहार। लातेहार जिले में गरीब असहाय लोगों के लिए बनाए जा रहे इंदिरा आवास योजना व इंदिरा आवास उत्क्रमण योजना का लाभ जरूरतमंदों को नहीं मिल पा रहा है। गरीब असहाय आज भी पंचायत सेवक के पीछे-पीछे घूमने को विवश है। हालांकि, वित्तीय वर्ष 09-10 में 3944 इंदिरा आवास का निर्माण व 524 के उत्क्रमण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से सिर्फ 744 का नवनिर्माण हुआ है व 351 का उत्क्रमण सरकारी आंकड़े के...

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किताबों में सूबे को आठ करोड़ की बचत

देहरादून। प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में छात्रसंख्या के फर्जीवाड़े, शिक्षकों की गैर हाजिरी पर लगाम कसने की कसरत ने सूबे को बचत के गुर भी सिखा दिए। कक्षा एक से आठवीं तक मुफ्त किताबों में सरकार को करीब आठ करोड़ की बचत हो गई। महकमे ने इस बार पेपर मिलों से कागज खुद खरीदकर प्रकाशकों को मुहैया कराए। प्राइमरी शिक्षा में शैक्षिक नियोजन की मुहिम में प्रशासनिक ही नहीं आर्थिक मोर्चे पर भी...

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हाले-सितम बयान किए और रो पड़े

सिलीगुड़ी [कार्यालय संवाददाता]। बात उन बच्चों की है, जो चाय बागानों से प्रधान नगर स्थित स्कूलों में लाए जा रहे। कई किलोमीटर का सफर और सवारी ट्रैक्टर से लगी डिब्बानुमा जालीदार ट्राली। यानि कि 'जेलगाड़ी'। इस आलम में मासूम बिलबिला रहे। ट्राली के भीतर न बैठने के लिए सीट है, न पकड़ने के लिए हत्था। एक-दूसरे से धक्के खाते बच्चे भीतर गिरते-पड़ते स्कूल पहुंचते हैं। तब तक उनकी हालत मरियल हो चुकी होती है। जाली...

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मैली हो रही भगीरथी व अलकनंदा

उत्तकाशी/गोपेश्वर। उत्तराचल के अधिकांश नगरों को अब भी सीवर लाइन व सीवरेज प्लाट का इंतजार है। शासन का तमाम प्रस्ताव भेजे गए लेकिन बजट के अभाव में फाइलें धूल फाक रही हैं। नतीजतन, नालियों, पाइपलाइनों से होती हुई सीवर की गंदगी गंगा-भागीरथी, मंदाकिनी और सहायक नदियों में डाली जा रही है। तीर्थधाम बदरीनाथ में सीवर लाइनें सीधे अलकनंदा में खोली गई हैं। सरकारी लापरवाही से नगरों के नियोजित विकास तो बाधक है ही गंगा की...

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