बक्सर जिले के डुमरांव अनुमंडल स्थित अरियांव गांव में वर्ष 2008 में विद्या दान सोसायटी की स्थापना किसानों के सहयोग से सूर्य कुमार सिंह ने की. इस सोसायटी से पहले प्रोजेक्ट के रूप में गांव में लाइब्रेरी का निर्माण कराया गया. दूसरे प्रोजेक्ट के रूप में गांव में हेल्थ केयर सेंटर की शुरुआत हुई. धीरे-धीरे यह सोसायटी विकास के मार्ग पर आगे बढ़ता गया और विद्या दान इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी...
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भोजन बर्बाद करने की इज्जत- अरुण कुमार त्रिपाठी
जनसत्ता 2 जुलाई, 2012: भोजन की बरबादी को सामाजिक प्रतिष्ठा माना गया है। उत्तर भारत की एक कहानी इस पाखंड को बखूबी बयान करती है। पिता ने अपने पुत्र को समझाया कि जब भी किसी और के घर आयसु (न्योता) खाने जाओ तो थोड़ा-बहुत भोजन छोड़ दिया करो। बेटे ने पूछा, पिताजी ऐसा क्यों? पिता ने समझाया कि बेटा, वह इज्जत है। आयसु खाते समय बेटे को पिता की हिदायत भूल...
More »खादी से पलेंगे 50 हजार परिवार
झारखंड का कुचाई सिल्क व तसर आज पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रहा है. इसकी चमक और धमक पश्चिम के देशों में भी महसूस की जा रही है. कोकून उत्पादन में झारखंड अव्वल है. आंकड़े बताते हैं कि दुनिया का 60 प्रतिशत कोकून भारत में उत्पादित होता है. और भारत का 60 प्रतिशत कोकून झारखंड में. लाह उत्पादन में भी झारखंड की स्थिति काफी अच्छी है. इसके अलावा यहां सैकड़ों प्रकार के...
More »इंद्रधनु रौंदे हुए ये.. : हर्ष मंदर
सड़कों पर अपना जीवन बिताने वाले बच्चे साहसी जरूर होते हैं, लेकिन उन्हें अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए कड़ा संघर्ष भी करना पड़ता है। इनमें से अधिकांश बच्चे वे होते हैं, जो या तो शराबी या हिंसक पिता की प्रताड़नाओं से बचने के लिए घर से भाग आए हैं, या अपने सौतेले माता-पिता की उपेक्षा के शिकार हैं, या उनका परिवार किसी क्रूर घटना या हादसे की भेंट चढ़ गया...
More »नाम के नागरिक- बृजेश सिंह (तहलका हिन्दी)
वहां से निकलना आसान नहीं है और वहां रहना तो और भी मुश्किल. सरकारी कुनीतियों के चलते अलीराजपुर में कुछ टापुऑं पर दिन बिता रहे सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों की जिंदगी में उम्मीद को छोड़कर सब कुछ है. गरीबी, भूख, कुपोषण, बेरोजगारी और इन सबसे उपजी उनकी लाचारी की क्या कोई सुध लेगा? बृजेश सिंह की रिपोर्ट यह कहानी मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे गांवों की है जिनके रहवासी युद्ध...
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