बाढ़ और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं को लेकर हाल-फिलहाल सुर्खियां लगती रही हैं और आगे की पंक्तियों में आप पढ़ने जा रहे हैं कि बीते दो दशकों में तुलनात्मक रुप से मौसम का मिजाज किस भयावहता से बदला है. इस साल अप्रैल माह में जारी एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक मौसम के मिजाज में आये तेज बदलाव के कारण जो सूखा-बाढ़ या आंधी-तूफान और बारिश सरीखी अप्रत्याशित घटनाएं पेश आयी हैं उनका...
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बच्चों में कुपोषण दूर करने के लक्ष्य से कितना पीछे है भारत, पढ़ें इस न्यूज एलर्ट में
देश में भोजन और पोषण के हालात के आकलन पर केंद्रित एक नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत रुद्धविकास (स्टंटेड ग्रोथ) से पीड़ित बच्चों की संख्या में कमी लाने के अपने निर्धारित लक्ष्य से पीछे रह सकता है. संयुक्त राष्ट्रसंघ के वर्ल्ड फूड प्रोग्राम तथा सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की इस संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक पोषण के मोर्चे पर मौजूदा रुझानों के जारी रहते भारत में पांच साल तक उम्र वाले हर तीन...
More »बाढ़ में डूबा कर्नाटक, केरल और महाराष्ट्र, राहुल गांधी ने पीएम मोदी से की बात
नई दिल्ली: दक्षिण भारत सहित देश के आधे दर्जन से अधिक राज्य बाढ़ की चपेट में हैं. बीते कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण कई राज्यों की नदियां उफान पर हैं जिससे इन राज्यों के लाखों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, डेढ़ सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. केरल और कर्नाटक के कई जिले बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. केरल राज्य...
More »कहां ले जाएगी जल की अनदेखी -- रामचंद्र गुहा
बहुत साल हो गए, जब मेरा सामना पर्यावरण संबंधी जिम्मेदारी की चौंकानी वाली परिभाषा से हुआ था, ‘हम एक सीमित क्षेत्र के भीतर से जो कुछ भी चाहते हैं, उसका उत्पादन करते हैं, तो हम उत्पादन के तरीकों की निगरानी की स्थिति में होते हैं; जबकि अगर हम पृथ्वी के किसी अन्य छोर से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं, तो वहां उत्पादन की स्थितियों की गारंटी देना हमारे लिए...
More »जीरो बजट कृषि का विचार नोटबंदी की तरह घातक है- राजू शेट्टी
शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को लेकर एक स्वाभाविक आकर्षण है क्योंकि यह कृषि जैसे मुश्किल व्यवसाय को सरलता से प्रकट करता है। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि में जोखिम कम होता है और पूंजी की आवश्यकता नहीं के बराबर होती है। इसे विदर्भ के किसान नेता सुभाष पालेकर द्वारा गढ़ा गया है जिन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को वैसा ही स्थान मिला...
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