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आस्तियां कैसे बनीं अस्थियां!-- अनिल रघुराज

हम ऋण लेते हैं, तो वह हमारे लिए बोझ या देनदारी होता है. मशहूर कहावत भी है कि अगर हमें बैंक को 100 रुपये लौटाने हैं, तो यह हमारी समस्या है, लेकिन हमें अगर 100 करोड़ लौटाने हैं, तो यह बैंक की समस्या है.    दरअसल, बैंक जब ऋण देता है, तब वह उसके लिए आस्ति होती है, क्योंकि मूलधन समेत उस पर मिला ब्याज ही उसकी कमाई का मुख्य जरिया...

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पहले पड़ता था कम, अब बच रहा राशन, राशन कार्ड के आधार लिंक होते ही खुली पोल

भोपाल, हरेकृष्ण दुबोलिया। साल भर पहले जिन पीडीएस की दुकानों से लोगों यह कर लौटा दिया जाता था कि राशन नहीं है बाद में आना,अब उन्हीं दुकानों में ना केवल भरपूर राशन है बल्कि हर महीने बच भी रहा है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आधारबेस्ड सिस्टम लागू होने के बाद प्रदेश में एक साल में पीडीएस की कालाबाजारी पर काफी हद तक रोक लगी है।   अब प्रदेश में हर महीने न...

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डिजिटल इकोनॉमी की सीमा-- डा. भरत झुनझुनवाला

हमारी अर्थव्यवस्था को सरकार शीघ्रातिशीघ्र डिजिटल इकाेनॉमी की ओर ले जाना चाहती है. नकद लेनदेन पर टैक्स आरोपित करने की योजना है. सरकार की सोच है कि नकद लेनदेन कम होने से समानांतर यानी ब्लैक इकाेनॉमी पर बंदिश लगेगी. परंतु तमाम विकसित देश डिजिटल इकाेनॉमी को कई शतक पूर्व अपना चुके हैं. वहां भी नकद का उपयोग ब्लैक इकाेनॉमी में जारी है. बैंक आॅफ इंगलैंड की 2015 की क्वाॅर्टरली रिव्यू...

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लोक-लुभावन राजनीति के नुकसान - डॉ अनिल प्रकाश जोशी

हमारे देश में पहले और आज की राजनीति में कितना फर्क आ गया है। पहले देश की राजनीति एक बड़ी हद तक मूल्यों पर चलती थी। राजनीतिक दल और मतदाता दोनों ही कहीं न कहीं नैतिकता व आदर्शों का पालन कर राजनीतिक गरिमा बनाए रखते थे। लेकिन आज स्थिति पूरी तरह बदल गई है। अब राजनीतिक दल चुनावों के समय जिस तरह मतदाताओं को लुभाने के लिए लोक-लुभावन घोषणाएं करते...

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इंफ्रा-मुखी लुभावना बजट-- प्रमोद जोशी

भारत का बजट लोक-लुभावन राजनीति, राजकोषीय अनुशासन और अर्थशास्त्रीय नियमों की रोचक चटनी होता है. इसकी बारीकियां केवल वित्त मंत्री का भाषण सुननेभर से समझ में नहीं आतीं. अलबत्ता पहली नजर में सार्वजनिक प्रतिक्रिया समझ में आ जाती है. इस लिहाज से इस बार का बजट काफी बड़े वर्ग को खुश करेगा. इसमें सामाजिक क्षेत्र का ख्याल है, ग्रामीण क्षेत्र की फिक्र है, साथ ही छोटे करदाता की परेशानियों को...

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